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गुरुमंत्र : इंटेलीजेंस से जानें बच्चों का करियर

अशोक जैन पोरवाल

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'मल्टीपल इंटेलीजेंस' क्या है?
आम बोलचाल की भाषा में बच्चें की बुद्धिमत्ता..... उसकी रुचियों की एकाग्रता को ही मल्टीपल इंटेलीजेंस कहा जाता है। अमेरिका के साइकोलॉजी विषयों के विख्यात लेखक एवं चिंतक हावर्ड गार्डनर ने 1943 में अपनी पुस्तक 'थ्योरी ऑफ मल्टीपल इंटेलीजेंस' में लिखा कि प्रत्येक बच्चे (व्यक्ति) में आठ तरह के इंटेलीजेंस होते हैं, जो कि एकसाथ काम करते हैं, किंतु वे सभी गुण एकसमान नहीं होते हैं, बल्कि कुछ गुण कम होते हैं तो कुछ ज्यादा।

आवश्यकता क्यों?
एक पुरानी कहावत के अनुसार पूत के पैर पालने में ही नजर आ जाते हैं। आवश्यकता है तो सिर्फ उस नजर की, जिससे कि पूत के पैर ही नहीं, बल्कि संपूर्ण व्यक्तिव को समझा जा सके। तद्नुसार अधिकांश अभिभावकों द्वारा अपने बच्चे के करियर का पता जल्दी से जल्दी लगाने की कोशिश करने लगे हैं अथवा करना चाहिए, जिसके लिए वे चाइल्ड-साइकोलॉजिस्ट एवं करियर-काउंसलर आदि की मदद भी लेने लगे हैं अथवा लेना चाहिए, ताकि बच्चे की एकेडमिक योग्यता के अतिरिक्त उसकी अन्य चीजों में रुचि को देखते हुए उसे उसी दिशा में प्रेरित किया जा सके।

कैसे पहचाने?
बच्चे के नित्य-प्रतिदिन के व्यवहारों... उसकी रुचियों को ध्यानपूर्वक देखकर घर में भी अभिभावकों द्वारा साधारणतः पता लगाया जा सकता है। हावर्ड गार्डनर की थ्योरी के अनुसार बच्चे के गुस्सा जाहिर करने के तरीके और बच्चे का खाली समय बिताने का तरीका, यह दो बातें बच्चे का मैंटल-इंटेलीजेंस जानने के लिए सबसे आसन तरीके हैं।

मल्टीपल इंटेलीजेंस का महत्व
मल्टीपल इंटेलीजेंस जांचने के लिए कोर्स की प्लानिंग एक्टिविटी और प्रोजेक्ट ऐसे होते हैं कि जिससे बच्चे की परफॉमेंस व इंटेलीजेंस का पता चल सके। इससे बच्चे के विकास में मदद मिलती है। बच्चा मन का काम करेगा तो उसे तनाव भी नहीं रहेगा। तनाव न होने से बच्चा चिड़चिड़ा भी नहीं रहेगा। चिड़चिड़ा न होने से बच्चा हमेशा प्रसन्न रहेगा, जिसके परिणामस्वरूप बच्चे की सोच सकारात्मक रहेगी। आदि-आदि बहुत से फायदे हैं, इसके।

आठ प्रकार
मैथमेटिकल नंबर स्मार्ट : इसके अंतर्गत बच्चे का मैथमेटिक्स, नंबर वर्क, एक्सपेरिमेंट, केलकुलेशन, पजल्स, क्वश्येनिंग, लॉजिक पावर आदि में इंट्रेस्ट देखा जाता है। यदि बच्चा इनमें परफेक्ट है तो उसे साइंटिस्ट, डिटेक्टिव, सीए, एडवोकेट आदि में करियर बनाने देना चाहिए अथवा इसकी सलाह देना चाहिए।

बॉडी स्मार्ट : अपनी बॉडी के साथ स्ट्रांग मूवमेंट करने वाले बच्चे प्रायः डांसिंग, जम्पिंग, रनिंग, एक्सरसाइज आदि करना पसंद करते हैं। ऐसे बच्चे डांस, ड्रामा, फिजिकली एक्टिविटी, स्पोटर्स में अपना करियर बना सकते हैं।

वर्ड स्मार्ट : ऐसे बच्चों की भाषा पर, शब्दों तथा व्याकरण पर अच्छा कमांड होता है, जिसके कारण बच्चे राइटिंग, वर्ड गेम, क्रॉस-वर्ड, वर्ग पहेली आदि गतिविधियों में अधिक सक्रिय होते हैं। ऐसे बच्चे अच्छे लेखक या वक्ता बन सकते हैं।

इंट्रा पर्सनल स्मार्ट : इसके अंतगर्त वे बच्चे आते हैं जो कि चुपचाप एकांत में रहना, चिंतनशील, गंभीर एवं किसी तरह का मेडिटेशन करने वाले, स्वयं में जागरुक, डे-ड्रीमिंग के आद‍ि होते हैं। ऐसे बच्चे अपनी क्षमता और योग्यता के आधार पर किसी भी रुचिकर फील्ड में करियर बना सकते हैं।

पीपल्स स्मार्ट : ऐसे बच्चे का इंट्रापर्सनल लेवल अधिक होता है। ‍ये मिलनसार होते हैं, तुरंत ही हर किसी से घुल मिल जाते हैं। बातूनी होते हैं, बहस करते हैं। ऐसी स्थिति में बच्चे को सोशल गेदरिंग, इवेंट मैनेजमेंट जैसे कार्यों में करियर बनाने के लिए प्रेरित करना चाहिए।

म्यूजिकल स्मार्ट : ऐसे बच्चे जो संगीत प्रेमी हो या संगीत से संबंधित कार्यों जैसे गायन, वादन आदि में रुचि लेते हों, उन्हें उसी क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहिए।

नेचरलिस्टिक पॉवर स्मार्ट : जिन बच्चों की प्रकृति से जुड़‍ी बातें, घटनाएं व जानकारियां विशेष रुचिकर लगती हैं। उन्हें जियोग्राफर, वर्ड वॉचर आदि के रूप में अपना करियर बनाना चाहिए।

स्पेशल स्मार्ट : इस प्रकार के इंटेलीजेंट बच्चों में इमेजिनेशन पावर एंड विजुलाइजेशन की क्षमता बहुत अधिक होती है। ऐसे बच्चों को इंटीरियर डेकोरेशन, वीडियो ग्राफिक, मूवीमेकिंग, डिजाइनिंग आदि क्षेत्रों में अपना करियर बनाना चाहिए।

उपरोक्त मल्टीपल इंटेलीजेंस के आठ प्रकारों के माध्यम से आप भी अपने बच्चे की मल्टीपल इंटेलीजेंस का पता लगाकर उसका करियर बनाने में मदद कर सकते हैं।

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