स्कूल के आखिरी साल में ही स्टूडेंट्स को करियर की चिंता सताने लगती है। यही वह समय होता है, जब स्टूडेंट्स के लिए अपना करियर चुनने के लिए कई विकल्प होते हैं, लेकिन इनमें से किसी एक का चयन करने से पहले कई पहलुओं पर विचार जरूरी है, वरना कई बार आप जो सब्जेक्ट चुनते हैं, वह आपकी रुचि से नहीं मिलता।
आप उस क्षेत्र में ज्यादा सफल हो सकते हैं जो आपकी रुचि के अनुरूप हो। मैथ्स, फिजिक्स जैसे जटिल विषयों में अगर आपकी रुचि है तो आप उसका मजा लेते हुए आसानी से सफलता हासिल कर सकते हैं।
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी)- इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एक्ट 1961 के तहत खड़गपुर, मुबंई, मद्रास, कानपुर, दिल्ली, रुड़की और गुवाहाटी को इंस्टीट्यूट ऑफ नेशनल इम्पोर्टेंस के रूप में स्थापित किया गया। इस इंस्टीट्यूट के छात्र देश-विदेश के प्रतिष्ठित संस्थानों में जगह पाते हैं।
इंजीनियरिंग के स्टूडेंट्स का ख्वाब होता है आईआईटी और इसका ज्वाइंट इंट्रेंस एक्जाम (जेईई)। इस इंट्रेंस एक्जाम में तगड़ा कॉम्पीटिशन है। लगभग दो लाख स्टूडेंट्स इसमें प्रतिवर्ष भाग लेते हैं, जबकि सीटों की संख्या केवल 3,500 है। यानी इसमें सफलता प्राप्त करने के लिए विषयगत अपनी तैयारी के साथ-साथ जरूरी है कि आप खुद पर यकीन करें, अपनी क्षमताओं को निखारें, अपने प्लस-माइनस का सही आकलन करें और जहां आवश्यक हो वहां अपने अंदर सुधार लाएं।
हम में से हरेक में कोई न कोई विशेषता होती है, अपनी जरूरतें जानें और विशेषता पहचानें और फिर जुट जाएं आईआईटी की तैयारी में। कुछ लोग सेल्फ स्टडीज में बहुत पक्के होते हैं और उन्हें केवल कुछ टॉपिक पर ही मदद की जरूरत होती है, दूसरी तरफ कुछ को तैयारी करने के लिए सिर्फ एक दिशा और शुरुआती मार्गदर्शन की जरूरत होती है और इसके बाद वे अपनी राह पर मजबूती से चल पड़ते हैं।
इसी तरह कुछ को अपनी तैयारी को परखने के लिए टेस्ट की जरूरत होती है और वे इसी आधार पर अपनी तैयारी को नियंत्रित करते हैं। आप भी अपना तरीका चुन सकते हैं, लेकिन इससे पहले आपके पास एक मजबूत रणनीति तैयार होनी चाहिए। याद रखिए नियोजित तरीका, योजना और आत्मविश्वास के दम पर आप जीवन में चमत्कार कर सकते हैं।