मानचित्र कला एक प्राचीन विधा है। धरती पर मौजूद नदियों झीलों, मैदानों, वनों आदि की जानकारी हमें मानचित्रों से ही प्राप्त होती है। पुरातन युग में राजा-महाराजा अपनी सीमा का निर्धारण मानचित्रों के आधार पर ही करते थे।
आधुनिक होते युग मानचित्रों का अध्ययन करने वालों की मांग भी बढ़ गई है। मानचित्र का अध्ययन करने को कार्टोग्राफी कहा जाता है।
कार्टोग्राफी में मुख्य रूप से भूगोल, अर्थशास्त्र तथा सांख्यिकी जैसे विषयों का समावेश होता है। नवीन जानकारियां एकत्र करने वाले तथा मानचित्र में रुचि रखने वाले युवाओं के लिए कार्टोग्राफी एक बेहतर करियर विकल्प हो सकता है।
कम्प्यूटर के प्रयोग से इस क्षेत्र में तकनीकी रूप से भी काफी बदलाव आया है। कार्टोग्राफी एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स होता है, जिसके लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता स्नातक है। कुशल कार्टोग्राफर की मांग आज सार्वजनिक क्षेत्र के साथ-साथ निजी क्षेत्र में भी है। जनगणना विभाग, भूमि सर्वेक्षण तथा पर्यटन विभाग में समय-समय पर भर्तियां निकलती हैं।
कार्टोग्राफी के लिए संस्थान हैं- -जामिया मिलिया इस्लामिया जामिया नगर, नई दिल्ली। -पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़। -उस्मानिया विश्वविद्यालय, हैदराबाद।