अगर आप समुद्र की गहराइयों में अपना करियर बनाना चाहते हैं तो इंसानों से अलग एक नई दुनिया में करियर की अपार संभावनाएं हैं। समुद्री जीवों, भौगोलीय स्थिति का अध्ययन इसके अंतर्गत आता है।
आबादी के बढ़ते दबाव के कारण पर्यावरण में भी विपरीत स्थितियां निर्मित हो रही हैं। समुद्री जीवों पर भी इसका असर पड़ रहा है। इस कारण से समुद्रों में रह रहे जीवों पर अध्ययन की आवश्यकता है।
मरीन बायोलॉजी, ओशियनोग्राफी और ओशियन इंजीनियरिंग में मरीन साइंस के अंतर्गत कार्य करने की अधिक संभावनाएं रहती हैं। पढ़ाई के दौरान स्टूडेंट्स को विभिन्न प्रकार के समद्री जीवों, वनस्पतियों के बारे में बताया जाता है।
ओशियन इंजीनियरिंग के अंतर्गत समुद्र के अध्ययन में प्रयोग आने वाले उपकरणों को बनाने और उनके उपयोग की जानकारी दी जाती है। ओशिनोग्राफी में समुद्र के अंदर के पर्यावरण, ऊर्जा स्रोतों और अंदर होने वाली भौतिक और रासायनिक क्रियाक्रलापों की जानकारी दी जाती है।
मरीन साइंस में करियर बनाने के लिए शैक्षणिक योग्यता बॉयोलॉजिस्ट, कैमिस्ट, जियोलॉजिस्ट, बॉयोलॉजिकल टेक्नीशियन, कैमिकल टेक्नीशियन में बीएस, एमएस, पीएचडी डिग्री होना आवश्यक है।
समुद्रों में पर्यावरण के आते परिवर्तन मनुष्य और पारिस्थितिक तंत्र को सीधे तौर पर प्रभावित करते हैं। सरकार भी समुद्र के अंदर हो रहे परिवर्तन की रिसर्च की ओर लगातार ध्यान दे रही है।
मरीन साइंस के अध्ययन के बाद मरीन एजुकेटर, साइंस राइटर, फ़िल्म मेकर, फोटोग्राफ़र, ईको टूरिज्म गाइड, पार्क रेंजर, बीच सुरपरिटेंडेंट आदि क्षेत्रों में भी करियर के अवसर हैं।
यहां से करें मरीन साइंस का कोर्स- - इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ़ ट्रॉपिकल मैट्रियोलॉजी पुणे। - नेशनल जियोफ़िजिकल रिसर्च इंस्टीटयूट अहमदाबाद। - नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ़ ओशियनोग्राफ़ी गोआ।