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योग में बनाएं अपना करियर

(वेबदुनिया डेस्क)

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, सोमवार, 14 मई 2012 (15:14 IST)
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प्रचलित चिकित्सा पद्धति के नुकसान के चलते जहां लोगों में आयुर्वेद, प्राकृतिक चिकित्सा का प्रचलन बढ़ रहा है वहीं कुछ वर्षों से योग के प्रति भी लोगों का रुझान तेजी से बढ़ा है। यदि कोई व्यक्ति योग शिक्षक बनना चाहता है तो उसे योग की तमाम अपेक्षित जानकारी होनी चाहिए।

इस क्षेत्र में अनेक संभावनाएं हैं। योग शिक्षा और प्रशिक्षण के बाद आप स्वयं योग-कक्षाएं लगा सकते हैं। इसके लिए सिर्फ आपके पास साफ-सुथरा स्थान तथा स्वस्थ माहौल होना चाहिए। खुली जगह सर्वोत्तम रहती है।

यदि मान्यता प्राप्त संस्थान से प्रशिक्षण लिया है तो आप स्कूल, कॉलेज में भी कक्षाएं ले सकते हैं। चिकित्सक और शोधकर्ता के रूप में आप रोगों तथा विकारों के संबंध में कार्य कर सकते हैं।

योग में अनेक क्षेत्र हैं, लेकिन दो प्रमुख क्षेत्र हैं -1.अध्यापन और अनुसंधान तथा 2.रोगों का उपचार। जहां तक रोगों के उपचार का संबंध है, योग मन और शरीर- दोनों का इलाज करता है। किंतु यह जानना जरूरी होता है कि किस आसन और प्राणायाम से कौन-सा रोग ठीक होता है।

इसके लिए विद्यार्थियों के लिए विशेष कक्षाएं लगाई जाती हैं, जहां उन्हें विभिन्न आसन और योग के अन्य पहलू सिखाए जाते हैं। योग पर अनेक ग्रंथ हैं। उक्त ग्रंथों का अध्ययन कर योगाभ्यास की सही तकनीक समझ सकते हैं।

योग में प्रशिक्षण लेना बेहत जरूरी है क्योंकि यदि व्यायाम सही ढंग से नहीं किया जाता है तो समस्या बढ़ सकती है। यदि समुचित प्रशिक्षण के बिना योग किया जाता है तो यही योग हानिकारक भी हो सकता है।

रोजगार की संभावनाएं : वर्तमान में भारत में 30 से ज्यादा कॉलेजों में योग विषय में स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम चलाए जाते हैं। किसी भी क्षेत्र के स्नातक योग से संबंधित पाठ्यक्रम में शामिल हो सकते हैं।

स्नातक तथा स्नातकोत्तर स्तर पर ये पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं, अथवा स्नातकोत्तर डिप्लोमा स्तर का एक वर्ष का पाठ्यक्रम भी कराया जाता है। यहां यह भी जानना आवश्यक है कि कॉलेजों के अलावा देशभर में कई योग अध्ययन केंद्र भी हैं।

योग पाठ्यक्रम में निम्नलिखित विषय शामिल हैं- शरीर रचना, दर्शन, ध्यान, व्यायाम तथा योग और ध्यान का सिद्धांत व नियम। व्यावहारिक पक्ष में योगासन, सूर्य नमस्कार तथा प्राणायाम जैसे विभिन्न आसन दिखाए जाते हैं।

हैयोके संस्थान :
- डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा (उप्र)।
- अमरावती विश्वविद्यालय, अमरावती (महाराष्ट्र)।
- गुजरात विद्यापीठ, अहमदाबाद (गुजरात)।
- गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय, हरिद्वार (उत्तरांचल)।
- मुम्बई विश्वविद्यालय, एम.जी. रोड, फोर्ट, मुम्बई (महाराष्ट्र)।
- अंत:प्रज्ञा, ईस्ट ऑफ कैलाश, नई दिल्ली (नईदिल्ली)।
- देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर (मध्यप्रदेश)।

यहालगतयोग कार्यशाला :
- हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, शिमला (हिमाचल प्रदेश)।
- डॉ. हरिसिंह गौड़ विश्वविद्यालय, गौड़ नगर, सागर (मध्यप्रदेश)।
- शिवाजी विश्वविद्यालय, विद्यानगर, कोल्हापुर (महाराष्ट्र)।
- श्रीवेंकटेश्वर विश्वविद्यालय, तिरुपति (आंध्रप्रदेश)।

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