हैंडराइटिंग से व्यक्तित्व जानने की कला है ग्राफोलॉजी
कई बार महज शौक या दिलचस्पी भी करियर के नए आयाम सृजित कर देते हैं। इसमें पढ़ाई और औपचारिक डिग्रियों की ज्यादा भूमिका नहीं होती है लेकिन महत्व और उपयोगिता के दृष्टिकोण से इस प्रकार के विकल्पों को सहज नकारा भी नहीं जा सकता है और तो और, इस प्रकार के प्रोफेशन को जीवन में किसी भी स्तर पर पार्ट टाइम अथवा फुलटाइम करियर के रूप में अपनाया जा सकता है। जिस तेजी से आम लोगों की जिंदगियों में उलझनें और पेचीदगियां बढ़ती जा रही हैं, उसी अनुपात में ऐसे प्रोफेशन सामने उभरकर आ रहे हैं जिनका इस्तेमाल मानव व्यक्तित्व को समझने व अनसुलझी गुत्थियों को सुलझाने में किया जाने लगा है।ऐसा ही एक प्रोफेशन है ग्राफोलॉजी। इस प्रकार के एक्सपर्ट का काम हैंडराइटिंग के माध्यम किसी भी व्यक्ति के बुनियादी चरित्र (व्यक्तित्व) को सामने लाना होता है। ये न तो भविष्यवाणी करते हैं और न ही बीते समय के बारे में कोई जानकारी देते हैं। इस कला का उपयोग न सिर्फ स्वयं को समझने में बल्कि अन्य लोगों की सोच, व्यवहार एवं व्यक्तित्व की रूपरेखा को संजोने के लिए भी किया जा सकता है। इस प्रकार की जानकारियों से अपनी कमियों को जानने एवं उनमें सुधार लाने की दिशा में प्रयास किया जा सकता है। इसके अलावा सामने आने वाले व्यक्ति के स्वभाव को समझते बूझते हुए उससे बातचीत कर सकारात्मक नतीजे प्राप्त किए जा सकते हैं।ऐसे जानकारों की सेवाओं का लाभ बड़ी कंपनियां आवेदन पत्रों की छंटनी करने और प्रत्याशियों के मौलिक व्यक्तित्व के बारे में जानकारियाँ हासिल करने में करती हैं। काउंसलर इस विधा के माध्यम से उपयुक्त राय देने और व्यक्ति को उसमें निहित गुण-दोषों से परिचित कराने का प्रयत्न करते हैं। अब तो वैवाहिक मामलों में भी इस प्रकार के एक्सपर्ट की सेवाएं ली जाने लगी हैं।इतना ही नहीं, अपराध विज्ञान तथा पुलिस फॉरेंसिक तफ्तीश के मामलों में ऐसे एक्सपर्ट को बाकायदा जांच दल का हिस्सा माना जाता है। अधिकांश विभागों में ऐसे पदों का भी सृजन किया गया है या केस की जरूरत के मुताबिक बाहरी एक्सपर्ट की सेवाएं भी ली जाती हैं।हस्ताक्षरों की पहचान करने, जालसाजी या संदिग्ध दस्तावेजों की जांच करने इत्यादि में इनकी अहम भूमिका को आज नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। हैंडराइटिंग किसी भी व्यक्ति को जानने का एक सटीक माध्यम हो सकती है, यही मूलमंत्र है इस प्रकार के विशिष्ट प्रोफेशन का। चाहे आप कोई आवेदन पत्र भर रहे हों या घर की शॉपिंग की सूची बना रहे हैं या किसी चैक पर हस्ताक्षर कर रहे हैं, मानिए न मानिए लेकिन जाने-अनजाने में आप अपने व्यक्तित्व की छाप छोड़ रहे हैं जिससे किसी भी ग्राफोलॉजिस्ट के लिए आपके गुण-दोषों की पहचान करनी मुश्किल नहीं होगी।इसी प्रकार कोई भी अभिनेता अपने हाव-भाव तथा विभिन्न भंगिमाओं से सामने वाले को एक हद तक बहकाने में सफल हो सकता है लेकिन वह चाहकर भी अपनी हैंडराइटिंग बदलने में कामयाब नहीं हो सकता है। इस तथ्य की तस्दीक हार्वर्ड यूनीवर्सिटी के शोध में दशकों पहले हो चुकी है कि हस्तलिपि से किसी भी व्यक्ति की सोच और उसके व्यक्तित्व का काफी हद तक सही आकलन किया जा सकता है। अमेरिकी विश्वविद्यालयों में इस विषय को बाकायदा विज्ञान के रूप में पाठ्यक्रमों का हिस्सा बनाकर पढ़ाया जाता है।ये एक्सपर्ट हैंडराइटिंग की विभिन्न कसौटियों के आधार पर जांच करने में पारंगत होते हैं, जिनमें अक्षरों का आकार, अक्षरों के बीच की स्पेसिंग, शब्दों का झुकाव, हस्ताक्षर की स्टाइल, उनमें आपसी एकसारता, शुरुआती अक्षर और अंत इत्यादि का इस क्रम में खासतौर से उल्लेख किया जा सकता है।फिलहाल हमारे देश में विभिन्न फॉरेंसिक साइंस कोर्सेज में ही इसे एक विषय के रूप में पढ़ाए जाने का प्रावधान है लेकिन स्व-अध्याय, बाजार में इस विषय पर उपलब्ध विभिन्न पुस्तकों, इंटरनेट पर उपलब्ध संबंधित वेबसाइटों इत्यादि की सहायता से एक्सपर्ट बनने की दिशा में कदम बढ़ाए जा सकते हैं हालांकि कई विदेशी और निजी क्षेत्र के संस्थानों द्वारा सिर्फ इसी विधा पर आधारित ट्रेनिंग प्रोग्राम भी संचालित किए जाते हैं।इस प्रकार के ज्ञान का फायदा जीवन के लगभग प्रत्येक क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के लोगों से काम लेने, उन्हें समझने तथा अपने लक्ष्य की प्राप्ति में आसानी हेतु मिल सकता है। अन्य प्रोफेशन के साथ पार्ट टाइम आधार पर भी ट्रेंड होने के बाद ऐसी सेवाएं फीस की एवज में प्रदान की जा सकती हैं। परामर्शदाताओं, मनोवैज्ञानिकों तथा हस्तविद्या के क्षेत्र में कार्यरत लोगों के लिए यह ट्रेनिंग काफी माकूल और उपयोगी कही जा सकती है।बड़े कॉर्पोरेट भी अपने कर्मचारियों के बारे में जानने के लिए ग्राफोलॉजी एक्सपर्ट की सेवाऐं समय-समय पर लेते रहते हैं। भर्ती प्रक्रिया, इंटरव्यू, करियर प्लानिंग इत्यादि में भी इनकी अहम भूमिका को अब स्वीकारा जा चुका है।