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ऑस्ट्रेलिया में उच्च शिक्षा के बेहतर विकल्प

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हमें फॉलो करें भारत
- राजीव जै

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कैट की तैयारियों के लिए महीनों से जुटे छात्रों को अब परीक्षा के बाद राहत की साँस मिली है। लेकिन सौ टके का सवाल तो यह है कि क्या वे भारतीय प्रबंध संस्थानों में जा पाएँगे या फिर अधिकांश अन्य छात्रों की तरह उन्हें भी लुभावने सपनों के बाद स्थानीय व साधारण संस्थानों में प्रवेश लेकर मन को तसल्ली देनी होगी?

तो क्या राष्ट्रीय स्तर के इन संस्थानों में उनके लिए रास्ते बंद हो गए हैं। इसी प्रकार कई छात्र इंजीनियरिंग की डिग्री लेने के बाद अच्छी नौकरी के इंतजार में हैं। लेकिन आर्थिक मंदी के कारण अच्छी नौकरी नहीं मिल पा रही है या फिर जॉब ऑफर होने के बाद भी ज्वॉइनिंग डेट नहीं मिल पा रही है। तो क्या वे भी स्थानीय नौकरियाँ लेकर अपने करियर सें समझौता करते, नहीं एक अल्पज्ञ महत्वपूर्ण विकल्प आपके लिए खुला है। और वो है भारतीय लागत से ऑस्ट्रेलिया से मास्टर डिग्री लेने का और वास्तविक ग्लोबल शिक्षा लेकर वास्तविक ग्लोबल करियर बनाने का।

हाल ही में ऑस्ट्रेलिया की सरकार के द्वारा प्रमाणित ऑस्ट्रेलियन यूनिफाइड पाथवे प्रोग्राम (एयूपीपी)-एडवांस शुरू हुआ है जिसमें (कॉमर्स, साइंस, इंजीनियरिंग) या किसी भी अन्य विषय से ग्रेजुएट छात्र अब पाथवे के तहत मास्टर डिग्री कोर्सेस के लिए भी भारत से शुरुआत करके ऑस्ट्रेलिया जा सकता है।

इस पाथवे प्रोग्राम का छात्रों को फायदा यह होगा कि न तो एक वर्ष का इंतजार करना पड़ेगा और न ही सामान्य कॉलेजों में जाना पड़ेगा। अभी शुरुआत करके भी मात्र डेढ़ वर्ष में मास्टर डिग्री हासिल की जा सकती है। मास्टर्स डिग्री के लिए विभिन्न विषयों का चयन किया जा सकता है।

इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी, सिस्टम, मेनेजमेंट, मार्केटिंग, फाइनेंस, एचआर, इंटरनेशनल बिजनेस आदि। इसी के साथ ही मल्टीपल पेशलायजेशन ड्येल डिग्री जैसे विकल्प भी चुन सकते हैं। इस तरह पढ़ाई का कुल खर्च भारत जितना हो आता है और उसके लिए बैंक से लोन भी मिल सकता है।

पाथवे प्रोग्राम में पढ़ने के निम्नलिखित फायदे हैं-

(1) जब तक पासपोर्ट, वीजा आईलेट्स तैयार हो, तब तक समय का उपयोग करके एक तिहाई लागत पर भारत में ही एक सेमिस्टर कर सकते हैं।

(2) वहाँ की शिक्षा प्रणाली को भारत से समझकर अपने आपको उसके अनुरूप ढाल सकते हैं।

(3) अपने साथ पढ़ रहे अन्य छात्रों के साथ-साथ विदेश जा सकते हैं ताकि एक-दूसरे का समर्थन प्राप्त हो सके।

(4) ऑस्ट्रेलिया की 130 वर्ष पुरानी सरकारी यूनिवर्सिटी, जो कि वहाँ की 10 अग्रणी यूनिवर्सिटी में शामिल है, बेलार्ट यूनिवर्सिटी के अंतर्गत ये कार्यक्रम भारत के 16 नगरों में चल रहे हैं और आप के नजदीक सेंटर्स की जानकारी एयूपीपी की वेबसाइट ुुु.चेॅॅ. ैहर्क पर भी प्राप्त हो सकती है।

(5) पढ़ाई के साथ-साथ पार्ट टाइम जॉब, पढ़ाई के बाद विश्व स्तरीय कंपनियों से जॉब व ऑस्ट्रेलिया से परमानेंट रेसीडेंस आप पा सकते हैं।

(6) अतः लीक से हटकर, सोचकर आप ग्लोबल डिग्री और ग्लोबल करियर प्राप्त कर सकते हैं। ऑस्ट्रेलिया में कम जनसंख्या होने के कारण बेहतर अवसरों का लाभ भी उठा सकते हैं।

(लेखक नाइस कॉलेज, इंदौर के बिजनेस डेवलपमेंट मैनेजर हैं।)

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