कोरियोग्राफी से सँवारे करियर का ग्राफ
- दीपिका शर्मा
आज हर माँ-बाप अपने बच्चों को बहुआयामी बनाना चाहते हैं लेकिन करियर की जब बात आती है तो सिर्फ इंजीनियरिंग या डॉक्टरी जैसे बरसों से चले आ रहे रुढ़िवादि क्षेत्रों में ही आगे बढ़ने पर जोर दिया जाता है। सभी माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा पेंटिंग भी करे, गाए भी, नाचे भी पर करियर की बात आते ही इन क्षेत्रों से मुँह फेर लिया जाता है। यदि गहराई से सोचा जाए तो नाचने-गाने जैसे क्षेत्र में भी अच्छा पैसा और नाम कमाया जा सकता हैं। कोरियोग्राफी आज एक नए और अनोखे करियर के रूप में सामने आया है। आँकड़े हैं कि भारत में वर्ष 2004 में सिर्फ मान्यता प्राप्त संस्थानों, कंपनियों व मनोरंजन से जुड़े क्षेत्रों में 38000 से अधिक कोरियोग्राफर्स की नौकरियाँ थीं लेकिन यह माँग वर्ष 2012 तक कई गुना बढ़ चुकी होगी।यदि हम बड़े शहरों की बात करें तो जब तक प्रोडक्शन हाउस, विज्ञापन जगत, खेल के मैदान और चीयरलीडर्स, ऑडियो-वीडियो जगत, स्कूल-कॉलेज, नाइट क्लब्स, क्रूज जहाज, होटल, सर्कस और एरोबेटिक्स आदि का अस्तित्व है तब तक कोरियोग्राफर्स की मांग बनी रहेगी। इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए अधिक समस्या भी नहीं होती। यदि आप मात्र बारहवीं पास हैं पर आपको संगीत के साथ थिरकना पसंद है और शरीर में लचीलापन है तो आपके पास भी एक मौका है कि कोरियोग्राफर बन जाइए। कहाँ से करें कोर्स?देश में इस कोर्स को बहुत गंभीरता से लिया जा रहा है। कुछ नामी संस्थान जो यह कोर्स कराते हैं, वे हैं - श्यामक डावर सालसा डांस कंपनी, मुंबई
संदीप सोपकर और एस्ले लोबो डांस वर्क्स, मुंबईसंगीत नाटक अकादमी, नई दिल्लीश्यामक डावर इंस्टिट्यूट ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स, नई दिल्ली डांस वर्क्स परफॉर्मिंग आर्ट्स अकादमी, नई दिल्लीटैगोर इंटरनेशनल स्कूल, नई दिल्ली गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ डांस एंड म्यूजिक, भुवनेश्वरयहाँ कोर्स के दौरान आपमें आत्मविश्वास जगाते हैं और आप में एक बेहतरीन डांसर की प्रवृत्ति पैदा करते हैं। कोरियोग्राफी के जरिए आज पुराने चले आ रहे नृत्यों में भी फेरबदल किया जा रहा है। कोरियोग्राफर्स का काम नृत्य कलाओं के साथ प्रयोग कर संगीत के भावों को एक कहानी की तरह प्रस्तुत करने का होता है। कोरियोग्राफी के कोर्स के दौरान आप अपने पसंदीदा संगीत को चुनते है और उसमें महारत हासिल करते हैं। स्टर्न स्टाइल्स का बहुत बोलबाला है। लोग सालसा, जाइव, फॉक्सट्रॉट, वॉल्ट्ज, सांबा, रूंबा, टैंगो आदि तरह के डांस पसंद कर रहे हैं। स्टाइल चाहे जो भी हो, कोरियोग्राफी आपको परफेक्शन के साथ नाचने और नचाने की पूरी छूट देती है।छोटे स्तर पर कोरियोग्राफी कोर्स 2000 से 4000 रुपए तक की फीस में उपलब्ध है, चाहे आप पश्चिमी क्लासिकल में रुचि रखते हो या भारतीय क्लासिकल में। बड़े-बड़े संस्थानों में टिपिकल डांस पैटर्न के कोरियोग्राफी कोर्स की फीस 25000 रुपए तक जा सकती है। अच्छे संस्थानों में अलग-अलग कोरियोग्राफी कोर्स 6000 से 15000 रुपए तक की फीस ही माँग करते हैं और एक बार कोरियोग्राफर बनने के बाद आप अपने टे्रनिंग इंस्टिट्यूट से तो कमाएँगे ही, साथ ही जगह-जगह शोज करके भी लाखों की कमाई हो सकती है। आज आपके बच्चे जब सरोज खान, वैभवी मर्चेंट या प्रभुदेवा को देखकर थिरकते हैं तो आप भी खुश होते हैं पर कल अगर वही बच्चे इनके जैसा बनना भी चाहें तो एक बार जरूर सोचते हैं।