इंटीरियर डिजाइनिंग का अर्थ है इमारत की अंदरूनी जगह की सजावट तथा स्थान की प्लानिंग। चाहे फिर वह घर हो, दफ्तर, होटल, सरकारी भवन या शोरूम जैसे वाणिज्यिक संस्थान हों। इंटीरियर डिजाइनिंग के अंतर्गत योजना, डिजाइन, निर्माण, पुनर्निर्माण, पुनरुद्धार और सज्जा सभी कुछ शामिल हैं।
करियर के लिहाज से वर्तमान में इंटीरियर डिजाइनिंग के विशेषज्ञों की बाजार में भारी माँग है। इंटीरियर डिजाइनर बनने के लिए कलात्मकता, प्रबंधकीय कला एवं तकनीकी पारस्परिकता का मेल होना बहुत जरूरी है, क्योंकि इंटीरियर डिजाइनर को अपने विचारों तथा आवश्यकताओं से ग्राहकों को अवगत कराना होता है।
साथ ही बिल्डर्स, प्लम्बर्स और इलेक्ट्रिशियन आदि से भी सामंजस्य स्थापित करना होता है। इंटीरियर डिजाइनिंग के विभिन्ना कोर्सों में प्रवेश के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता बारहवीं उत्तीर्ण होना है।
इंटीरियर डिजाइनिंग के सर्टिफिकेट कोर्स से लेकर डिग्री कोर्स तक विभिन्न संस्थानों में उपलब्ध हैं। इंटीरियर डिजाइनिंग का कोर्स करने के उपरांत इंटीरियर डिजाइनर संस्थान, आर्किटेक्ट फर्म, बिल्डर और कांट्रेक्टर के साथ काम कर सकते हैं।
थिएटरों एवं फिल्मों आदि में सेट डिजाइनिंग कर सकते हैं। चाहें तो स्वयं की फर्म भी स्थापित कर सकते हैं। इंटीरियर डिजाइनिंग का कोर्स कराने वाले प्रमुख संस्थान हैं : नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन पालडी, अहमदाबाद, एसएनडीटी यूनिवर्सिटी मुंबई, डिजाइन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया इंदौर, आईएनआईएफडी इंदौर।