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डायटीशियन : सेहतमंद करियर

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करियर के रूप में जितनी विविधता वर्तमान में उपलब्ध है उतनी पहले कभी नहीं रही। एक जमाना था जब डॉक्टर या इंजीनियर बनना सबसे अधिक महत्वपूर्ण तथा कठिन काम माना जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है। वैश्विक होती दुनिया ने ढेर सारे करियर ऑप्शन्स युवाओं के समक्ष जुटा डाले हैं। इसी कड़ी में हेल्थ एंड फिटनेस के ग्लोबल फंडे ने भी कई तरह के नए भविष्य हमारे सामने प्रस्तुत किए हैं। डायटीशियन इसी कड़ी का एक हिस्सा हैं।

रोगियों से लेकर सामान्य मनुष्य तक के लिए आज डायटीशियन बड़े पैमाने पर कार्यरत हैं और युवा शौक से इसे करियर के तौर पर अपना रहे हैं। किस बीमारी में कितना और क्या भोजन हो? सामान्य व्यक्ति के लिए सही व संतुलित भोजन की मात्रा कितनी हो? किस दवा के साथ किस तरह की खुराक सही होगी? किस तरह का भोजन हमारे मूड पर अच्छा प्रभाव डालेगा? एक लो सोडियम डायट के लिए नमक की सही मात्रा क्या होगी? ऐसे सभी सवालों का जवाब आपको एक सही डायटीशियन दे सकता है।

बी.पी. पोद्दार रिसर्च एंड हॉस्पिटल (कोलकाता) की नीना सिंह के अनुसार 'डायटीशियन बनना आज एक हॉट करियर ऑप्शन बन चुका है। दरअसल भागती-दौड़ती जिंदगी में सही व संतुलित भोजन का महत्व अब लोगों की समझ में आने लगा है और इसके लिए वे बकायदा डायटीशियन की सलाह भी लेते हैं। इसके अलावा अनियमित खान-पान तथा जीवनशैली की वजह से पनपे रोगों से ग्रसित लोगों को भी भोजन के संबंध में मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है। अतः डायटीशियन के रूप में करियर बेहद संभावनाओं के साथ अपने क्षेत्र का विस्तार कर रहा है।'

  करियर के रूप में जितनी विविधता वर्तमान में उपलब्ध है उतनी पहले कभी नहीं रही। एक जमाना था जब डॉक्टर या इंजीनियर बनना सबसे अधिक महत्वपूर्ण तथा कठिन काम माना जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है।      
एक डायटीशियन न केवल लोगों को सही खान-पान से जुड़ी सलाह देने का काम करता है बल्कि भोजन संबंधी एक प्लानर के जरिए बकायदा उन्हें दिशा निर्देश देता है ताकि वे स्वस्थ जीवन जी सकें। इस प्लानर में संबंधित व्यक्ति पर कौन सी चीज क्या प्रभाव डालेगी से लेकर भोजन बनाने की प्रक्रिया तक पर नजर रखी जाती है। और व्यक्ति के शरीर से लेकर मस्तिष्क तक पर पड़ने वाले प्रभाव की समीक्षा करनी पड़ती है।

एक डायटीशियन के रूप में आप किसी भी अस्पताल या स्वास्थ्य के क्षेत्र से जुड़े संस्थान में काम पा सकते हैं, या फिर स्वतंत्र रूप से मार्गदर्शन देने का काम कर सकते हैं। यही नहीं आजकल तो कई निजी कंपनियों, रेसिडेंशियल स्कूल्स, फैक्ट्रीज तथा सरकारी संस्थानों में भी (जहाँ भोजन अथवा भोजन संबंधी व्यवस्थाएँ होती हैं) डायटीशियन की नियुक्ति की जाती है।

साथ ही बड़े (स्टार प्राप्त) होटल्स में भी डायटीशियन को महत्वपूर्ण स्थान दिया जाता है। कुछ एनजीओ भी ऐसे पदों पर नियुक्तियाँ करते हैं। कुल मिलाकर आपके पास काम करने के लिए ढेर सारे विकल्प होते हैं। इसके अलावा प्रोसेस्ड फूड इंडस्ट्री में भी आपके लिए बेहतर संभावनाएँ होती हैं। यही नहीं इस क्षेत्र से संबंधित रिसर्च के कार्य से जुड़कर आप विश्व स्तर पर कार्य कर सकते हैं और इनसे जुड़ी नई बातें जान सकते हैं।

इस सबके अलावा यू.एन., यूनिसेफ जैसी कई संस्थाएँ तथा मिनिस्ट्री ऑफ ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट के कुछ संस्थान भी डायटीशियन्स की नियुक्ति करते हैं। यदि आपके पास अच्छी कम्युनिकेशन स्किल्स तथा लैंग्वेज पर शानदार कमांड है तो आप किसी अखबार या मैग्जीन के डायट संबंधी कॉलम से भी जुड़ सकते हैं। चाहें तो अपनी खुद की किताबें भी प्रकाशित करवा सकते हैं।

डायटीशियन बनने के लिए आमतौर पर होम साइंस, साइंस (केमेस्ट्री तथा माइक्रोबायलॉजी के संग), फूड एंड न्यूट्रिशन तथा होटल मैनेजमेंट एंड केटरिंग जैसे विषयों में स्नातक डिग्री ले सकते हैं। कुछ कॉलेज पब्लिक हेल्थ एंड न्यूट्रिशन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा भी देते हैं। तो क्या आप तैयार हैं इस नई राह पर चलने के लिए?

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