नैनो टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में करियर की क्या संभावनाएँ हैं तथा इससे संबंधित पाठ्यक्रम कराने वाले प्रमुख संस्थान कौन-कौन से हैं?
- प्रांजल द्विवेदी, इंदौर/सुरेश पटेल, नागदा (उज्जैन)।
- नैनो टेक्नोलॉजी का अर्थ है साइंस ऑफ मिनिएचर अर्थात लघुत्तर का विज्ञान। जब कोई वस्तु या सामग्री नैनो डाइमेंशन में बदल जाती है तो उसके भौतिक, रासायनिक, चुम्बकीय, प्रकाशीय, यांत्रिक और इलेक्ट्रिक गुणों में भी भारी परिवर्तन आ जाता है। यह तकनीक मेडिकल साइंस, पर्यावरण विज्ञान, इलेक्ट्रॉनिक्स, कॉस्मेटिक्स, सिक्योरिटी, फैब्रिक्स और विविध क्षेत्रों में बहुत उपयोगी है।
कुल मिलाकर ऐसा कोई क्षेत्र नहीं होगा, जो भविष्य में नैनो टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल नहीं करेगा। इस प्रकार कहा जा सकता है कि इस क्षेत्र में रोजगार की बहुत उजली संभावनाएँ दिखाई दे रही हैं। विज्ञान, इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी के किसी भी विषय से स्नातक, पोस्ट ग्रेजुएट स्तर पर नैनो टेक्नोलॉजी विषय ले सकते हैं।
नैनो टेक्नोलॉजी से जुड़े विभिन्न कोर्स इन संस्थानों से किए जा सकते हैं : जवाहरलाल नेहरू सेंटर फॉर एडवांस साइंटिफिक रिसर्च, बेंगलुरू/ पुणे विश्वविद्यालय, पुणे/ दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली/ आईआईटी-रूड़की, मुंबई/ गुवाहाटी तथा कानपुर।
मध्यप्रदेश के किस संस्थान में प्लास्टिक इंजीनियरिंग के कोर्स उपलब्ध हैं?
-मुकेश कुमावत, सीहोर।
- प्लास्टिक इंजीनियरिंग के विभिन्न कोर्स सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ प्लास्टिक इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, भोपाल में उपलब्ध हैं।
कृपया इंडियन एग्रीकल्चरल रिसर्च इंस्टीट्यूट, नई दिल्ली का वेबसाइट एड्रेस बताएँ।
-अरुण भावसार, डौण्डी (दुर्ग)।
- इंडियन एग्रीकल्चरल रिसर्च इंस्टीट्यूट, नई दिल्ली का वेबसाइट एड्रेस है www.iari.res.in