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पेट्रोलि‍यम इंजीनि‍यरिंग में कोर्सेस

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- डॉ. जयंतीलाल भंडारी

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पेट्रोलियम इंजीनियरिंग के कोर्स अंडरग्रेजुएट तथा पोस्ट ग्रेजुएट दोनों स्तरों पर संचालित किए जाते हैं। किसी अन्य इंजीनियरिंग डिग्री पाठ्यक्रम की तरह ही पेट्रोलियम इंजीनियरिंग में बी.टेक के चार वर्षीय पाठ्यक्रम के लिए भौतिकशास्त्र, रसायनशास्त्र तथा गणित विषयों में 12वीं परीक्षा उत्तीर्ण होना आवश्यक है। एमटेक पाठ्यक्रम पेट्रोलियम, पेट्रो-केमिकल, केमिकल तथा मैकेनिकल इंजीनियरिंग स्नातकों के लिए खुला है। जो पेट्रोलियम इंजीनियरिंग स्नातक नहीं हैं उन्हें कुछ परिचयात्मक प्रश्नपत्र देने होते हैं।

पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स पूरा करने के बाद इस क्षेत्र में पीएचडी भी की जा सकती है। यह जरूरी नहीं कि पेट्रोलियम का क्षेत्र केवल पेट्रोलियम इंजीनियरों के लिए ही खुला है। इस क्षेत्र में मार्केटिंग और प्रबंधन क्षेत्र भी युवाओं को आकर्षित कर रहा है। इस क्षेत्र में एमबीए करने वालों के लिए सुनहरे भविष्य की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है।

चूँकि पेट्रोलियम इंजीनियरिंग एक दुर्लभ अध्ययन क्षेत्र है अतः इसे करने वाले स्नातकों को करियर निर्माण के उजले अवसर उपलब्ध हैं। यद्यपि पेट्रोलियम इंजीनियरों के लिए करियर निर्माण के सीमित क्षेत्र ही उपलब्ध हैं लेकिन यह इनका सौभाग्य है कि इस सीमित क्षेत्र की आवश्यकता की पूर्ति के लिए जितने पेट्रोलियम इंजीनियरों की आवश्यकता होती है, वे भी उपलब्ध नहीं हो पाते हैं इसलिए इन्हें अच्छे वेतन पर आकर्षक रोजगार देने के लिए पेट्रोलियम कंपनियां हमेशा तैयार रहती हैं।

चूँकि सारी दुनिया में सुरक्षित तथा किफायती ऊर्जा संसाधनों की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। सारी दुनिया में पेट्रोलियम इंजीनियरों की मांग भी उसी अनुपात में लगातार बढ़ रही है तथा यह सिलसिला आगामी दशकों में भी जारी रहेगा।

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पेट्रोलियम उत्पादन कंपनियों, कंसलटिंग इंजीनियरिंग कंपनियों, कुओं की खुदाई करने वाली तथा जाँच कंपनियों के साथ-साथ ओएनजीसी, इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम, हिंदुस्तान पेट्रोलियम तथा रिलायंस पेट्रो-केमिकल्स के अलावा रिसर्च और शैक्षणिक संस्थानों में आकर्षक वेतनमान पर रोजगार के अवसर उपलब्ध हैं। चूँकि पेट्रोलियम उद्योग पूँजीगत उद्योग है इसलिए इस क्षेत्र में पैसों की कोई कमी नहीं है।

पेट्रोलियम इंजीनियरों के लिए प्रोफेशनल करियर के अलावा रिसर्च के क्षेत्र में भी अच्छी संभावनाएँ तथा अवसर उपलब्ध हैं। वह रिसर्च लेब में बतौर साइंटिस्ट या रिसर्च फैलो के रूप में अनुसंधान तथा विकास कार्य कर सकते हैं। विकसित देशों तथा खाड़ी देशों में भी पेट्रोलियम इंजीनियरों के लिए करियर निर्माण के ढेरों अवसर मौजूद हैं।

वैसे तो विभिन्न राज्यों के विभिन्न संस्थानों तथा विश्वविद्यालयों में पेट्रोलियम इंजीनियरिंग के कोर्स चलाए जाते हैं लेकिन इनमें से कुछ प्रतिष्ठित संस्थान एवं विश्वविद्यालय इस प्रकार हैं-

इंडियन ऑयल इंस्टिट्यूट ऑफ पेट्रोलियम मैनेजमेंट, गुड़गाँव

इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ पेट्रोलियम, देहरादून

इंस्टिट्यूट ऑफ पेट्रोलियम मैनेजमेंट, गाँधीनगर

इंस्टिट्यूट ऑफ पेट्रोलियम टेक्नोलॉजी, गाँधीनगर

इंडियन स्कूल ऑफ माइंस यूनिवर्सिटी, धनबाद

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