देश के सात इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (आईआईएम) में होने वाले कॉमन एडमिशन टेस्ट (कैट) की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है। जुलाई से शुरू हुई प्रक्रिया 16 नवंबर को टेस्ट के साथ पूरी होगी।
कैट के बारे में कोई निश्चित अनुमान नहीं लगया जा सकता। कैट के बारे में पूर्वानुमान अक्सर गलत साबित होते हैं, लेकिन फिर भी स्टूडेंट्स इसके बारे में अनुमान जरूर लगाते हैं। पिछली बार कैट के पेपर का सबसे बड़ा सरप्राइज यह था कि उसमें कोई सरप्राइज नहीं दिया गया था, बल्कि पेपर का प्रारुप साधारण रखकर चौंकाया गया था। पिछले कुछ सालों में कैट का प्रारुप अस तरह रहा है।
बीते साल, ढहे अनुमान
कैट-2004- इस वर्ष हुई परीक्षा ने पिछले सारे अनुमानों को ध्वस्त कर दिया। इससे पहले की कैट में कभी भी 120 से कम सवाल नहीं पूछे गए थे। स्टूडेंट्स भी टेस्ट से पहले आश्वस्त थे कि 120 सवाल ही आएँगे। इस कैट में पहली बार 100 सवाल पूछे गए।
कैट-2005- पहली बार इस साल आईआईएम की ओर से कैट की निगेटिव मार्किंग का खुलासा किया गया। इस साल सवालों की संख्या एक बार फिर कम हुई। दो सब सेक्शन हुए और सिर्फ 90 प्रश्न पूछे गए। कम सवाल होते हुए भी इस कैट को कठिनतम टेस्ट का कहा गया।
कैट-2006- पहली बार कैट में टाइम ब़ढ़ा दिया गया। टेस्ट देने वाले स्टूडेंट्स के समय को 120 मिनट से ब़ढ़ाकर 150 मिनट कर दिया गया। एक चौथाई नेगेटिव मार्किंग की गई और सवालों की संख्या घटाकर सिर्फ 75 कर दी गई। हर सवाल के साथ पाँच च्वॉइस दी गईं। कुल मिलाकर कैट ने फिर सरप्राइज किया। कम सवालों के कारण स्टूडेंट्स को अपनी पसंद के टॉपिक्स नहीं दिखाई दिए। अच्छी तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स को फायदा मिला।
कैट-2007- इस कैट ने कोई सरप्राइज नहीं दिया। पेपर पैटर्न, टाइमिंग, कम्पोजिशन के मामले में पिछले साल का ट्रेंड जारी रहा। सरप्राइज मिला तो सिर्फ यही कि कुछ भी नहीं बदला।
कैट-2008- इस बार आईआईएम की ओर से कैट के बारे में सिर्फ इतना बताया गया कि जवाब देने के लिए स्टूडेंट्स के पास 150 मिनट का समय रहेगा। पेपर में तीन सेक्शन होंगे।
उम्मीद स्टूडेंट्स की- कैट की तैयारी में जुटे स्टूडेंट्स टेस्ट के बारे में फिर से अनुमान लगा रहे हैं, हालाँकि वे यह भी मानते हैं कि यह परीक्षा हमेशा से अनुमानों को झुठलाती रही है। कैट-2008 की तैयारी कर रहे हिमांशु पांडे कहते हैं कि कैट का पेपर हमेशा अनुमानों से अलग आता है। हमें उम्मीद है कि इस बार भी 75 प्रश्न ही पूछे जाएँगे। मैथ्स टफ और डीआई आसान हो सकता है।
प्रियंका जैन के मुताबिक स्टूडेंट्स को रीडिंग कॉम्प्रीहेंशन पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए। सीनियर्स से भी यही सलाह मिली है।
न लगाएँ अनुमान
कैट की तैयारी करवा रहे एक्सपर्ट्स कहते हैं- कैट के बारे में स्टूडेंट्स अनुमान न ही लगाएँ तो बेहतर होगा। सेरेब्रल हाइट्स के सीईओ अजय बंसल कहते हैं- कैट के बारे स्टूडेंट्स सारे अनुमान लगा लें और बेहतर होगा हर अनुमान के हिसाब से तैयारी कर लें। आमतौर पर स्टूडेंट्स जिन बातों के बारे में अनुमान लगाते हैं उनमें प्रश्नों की संख्या, डिफिकल्टी लेवल, नेगेटिव मार्किंग, किस टॉपिक से कितने प्रश्न आएँगे जैसी बातें शामिल होती हैं।
कैट से ठीक पहले बाकी बचे इन दिनों में अब नया कुछ न प़ढ़ें। बेहतर होगा टेस्ट भी न दें। इसकी बजाय पुराने टॉपिक्स और टेस्ट को रिवाइज करें। मेंटली और फिजिकली कैट के लिए खुद को तैयार कर लें।
एसएमएस से मिलेगा स्कोर
16 नंवबर को होने वाली कैट के रिजल्ट 9 जनवरी 2009 को घोषित होने की संभावना है।