क्या आपका सपना भी बी स्कूल में सिलेक्शन से जुड़ा है। बी-स्कूल के सिलेक्शन लिए कोई खास पैरामीटर्स नहीं हैं और इसीलिए स्टूडेंट बी-स्कूल चुनने में कन्फ्यूज होते हैं। यहां हम आपको बता रहे हैं कि बी- स्कूल का सिलेक्शन करते वक्त किन बातों का ध्यान रखा जाए।
प्री सिलेक्टेड जीडी एंड पीआई- जब कोई इंस्टिट्यूट आप से यह कहकर कॉन्टेक्ट करें कि आप ग्रुप डिस्कशन (जीडी) और पीआई (पर्सनल इंटरव्यू) स्टेज में सिलेक्ट हुए हैं और आप हमारे इंस्टिट्यूट में एडमिशन ले सकते हैं तो समझिए कि यह इंस्टिट्यूट नया है और अपनी सीटों को भरने के लिए इस तरह की कोशिश कर रहा है। अगर आपको किसी ऐसे बी-स्कूल से कॉल आए, जहां आपने एप्लाय ही नहीं किया है तो समझ जाइए कि यहां भी सीटों की भरपाई नहीं हो पा रही है।
अगर सभी को कॉल आए- अगर आप पीआई और जीडी के लिए किसी इंस्टिट्यूट में जाएं और पाएं कि 10 केंडिडेट में से 6 ग्रुप डिस्कशन में अच्छा परर्फाम कर रहे हैं और 4 उतना अच्छा नहीं कर पा रहे हैं। बाद में अगर सभी 10 केंडिडेट को ही कॉल लेटर आ जाए तो आपको बेहतर बी-स्कूल तलाशना चाहिए।
कौन सी ब्रांच ज्वाइन करें- बी-स्कूल पैनल आपको कनविंस करने की कोशिश करे कि फलां ब्रांच में आपका एडमिशन पक्का है और फलां ब्रांच आपको सूट करेगी तो आपको अपने डिसिजन पर फिर से गौर करने की जरूरत है।
डोनेशन- अगर कोई बी-स्कूल आपसे या आपके पेरेंट्स से बी-स्कूल के लिए डोनेशन देने को कहे और आश्वासन दे कि इससे आपके एडमिशन में आसानी होगी तो पोलाइटली ऐसे ऑफर्स के लिए मना करते हुए अपनी एप्लिकेशन वापस ले लीजिए।
प्लेसमेंट के दावे- आमतौर पर सभी बी-स्कूल प्लेसमेंट के बड़े-बड़े दावे करते हैं। बी-स्कूल बड़ी कंपनियों में प्लेसमेंट के दावे करते हैं। आप बी-स्कूल की प्लेसमेंट लिस्ट देखिए और पता लगाइए कि कहीं ये प्लेसमेंट फ्री ऑफ चार्ज तो नहीं हुए। बी- स्कूल प्लेसमेंट में बड़ी कंपनियों के नाम जोड़ने की गरज से कई बार बिना किसी सैलरी के ट्रेनीज का एपाइंटमेंट करवा देते हैं। आपको ऐसे बी-स्कूल से बचना चाहिए।