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परीक्षा की तैयारी हो सही

प्रतियोगी परीक्षा और बच्चों की उलझन

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- गरिमा माहेश्वरी

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आजकल 12वीं के बाद अगर आप किसी अच्छे कॉलेज में दाखिला पाना चाहते हैं तो उस कॉलेज के और आपके बीच होता है एक प्रतियोगी परीक्षा का फासला। यही नहीं कॉलेज खत्म होते-होते जब नौकरी या कहें प्लेसमेंट की बारी आती है तब भी कंपनियों में होने वाली परिक्षाओं से दो-चार होना पड़ता है। ऐसे में अपने मनोबल को बनाए रखना तो महत्वपूर्ण है ही, साथ ही अपनी तैयारी को सही दिशा में जारी रखना उससे भी महत्वपूर्ण है।

इस तरह की परिक्षाओं में सफलता न ही केवल व्यक्ति का मनोबल बढ़ाती है बल्कि उसके लिए संभावनाओं और प्रसिद्धि के नए द्वार खोल देती है। हालाँकि इन प्रतियोगी परिक्षाओं को देते समय दिमाग में इस बात को बैठा लेना बहुत जरूरी है कि दाखिले के लिए सीट बहुत कम होती हैं और इन परीक्षाओं में बैठने वाले छात्रों की संख्या ज्यादा। इसलिए परिक्षा में न चुने जाने पर ये न समझें कि आपमें क्षमताओं की कमी है।

प्रतियोगी परीक्षा की तैयारियों के लिए सबसे महत्वपूर्ण है लगन। छात्र को यह पता होना चाहिए कि जिस परीक्षा में वह बैठने जा रहे हैं उसके लिए कितनी मेहनत करने की आवश्यकता है। परीक्षा में अपना 100 प्रतिशत देने की पूरी कोशिश करें।

दूसरा सबसे महत्वपूर्ण ध्यान देने योग्य विषय है पढ़ाई के लिए दिया जाने वाला समय। आप जितना ज्यादा समय अपनी तैयारी को देंगे उतना बेहतर परिक्षा में कर पाएँगे। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मनोरंजन के लिए भी आपके पास समय न हो। सही पढ़ाई के लिए दिमाग का तरोताजा होना भी बहुत जरूरी है। इसके लिए आप नियमित रुप से व्यायाम भी कर सकते हैं जिससे आपका शरीर और दिमाग दोनों ही फिट रहेंगे।

आप चाहें तो अपने दोस्तों के साथ बैठकर ग्रुप स्टडी भी कर सकते हैं।

तीसरी महत्वपूर्ण बात है सही स्टडी मटेरियल का चुनाव। अगर आपके पास पढ़ने की सही चीज नहीं है मसलन आप किसी विषय को खत्म करने के लिए शॉर्टकट अपना रहे हैं तो ये सही नहीं है। इससे आप सीधे पूछे गए प्रश्नों को तो आसानी से हल कर पाएँगे लेकिन कंसेप्ट पर बने प्रश्न आपके लिए पहेली बनकर रह जाएँगे। इसलिए सही किताबों का चुनाव कीजिए।

चौथी महत्वपूर्ण बात का स्थान लिया है पढ़ने के लिए बनाई जाने वाली योजना ने। आपने यह तो सुना ही होगा कि योजनाबद्ध कार्यों में सफलता पाने का प्रतिशत ज्यादा होता है। अगर आपने पढ़ने के लिए घंटे तय कर लिए और आपको यह भी पता है कि किन किताबों से पढ़ाई करनी है, लेकिन कोर्स खत्म करने के लिए कोई योजना या टाइम टेबल नहीं तो आप सोच ही सकते हैं कि आपकी तैयारी का क्या होगा।

और सबसे अंत में परिक्षा के दिन अपने आप को बिलकुल शांत रखें। किसी भी तरह की घबराहट को अपने दिल और दिमाग में जगह न दें। बस यही सोचें कि जो भी मैंने पढ़ा है वो मुझे याद है और उसके सहारे मैं इस परीक्षा में अपना 100 प्रतिशत जरूर दूँगा/दूँगी।

हर व्यक्ति का सोचने और समझने का तरीका अलग होता है लेकिन शायद ये सारी चीजें आपकी परीक्षा में आपकी मदद कर पाएँ।

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