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मेंटल ट्रेनिंग से निखारिए इंटेलिजेंस को

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अमूमन अब तक यह धारणा चली आ रही है कि इंसान की बुद्धिमत्ता या मेधा जन्मजात होती है और इसे सीखकर हासिल करना मुमकिन नहीं हैं। लेकिन एक नई स्टडी ने यह दिखा दिया है कि लोगों को कुछ खास किस्म की मेंटल ट्रेनिंग के जरिए उससे कहीं ज्यादा इंटेलिजेंट बनाया जा सकता है जितना कि वे जन्म के वक्त होते हैं।

न्यूरो साइकोलॉजिस्टों की एक टीम का दावा है कि उसने एक ऐसा टास्क (सबक) ढूँढ निकाला है जिसकी लगातार प्रैक्टिस से किसी व्यक्ति के आईक्यू में खासी बढ़ोतरी हो सकती है। वे इसका जितना ज्यादा अभ्यास करेंगे, उन्हें उतना ही फायदा पहुँचेगा।

इंसानों में 'फ्लुइड इंटेलिजेंस' या जीएफ के नाम से जानी जाने वाली एक ऐसी योग्यता मौजूद होती है जिससे उसे तर्क करने, नई समस्याओं का हल करने और भावों के रूप में सोचने की क्षमता हासिल होती है। जीएफ लोगों की प्रोफेशनल और एजुकेशनल योग्यता के साथ जुड़ी होती है और इसे ज्यादातर जन्म से हासिल क्षमता मानी जाती है।
  अमूमन अब तक यह धारणा चली आ रही है कि इंसान की बुद्धिमत्ता या मेधा जन्मजात होती है और इसे सीखकर हासिल करना मुमकिन नहीं हैं। एक नई स्टडी ने यह दिखा दिया है कि लोगों को कुछ खास किस्म की मेंटल ट्रेनिंग के जरिए उससे कहीं ज्यादा इंटेलिजेंट बनाया जा सकता है      


साइंटिस्टों द्वारा इससे पहले इंसानों के जीएफ या फ्लुइड इंटेलिजेंस को बढ़ाने या मजबूत करने की जितनी भी कोशिशें की गई हैं, उनमें ट्रेनिंग के जरिए किसी एक कौशल को बढ़ाने में कामयाबी मिली, लेकिन इससे ओवरऑल जीएफ पर असर नहीं पड़ा।

लेकिन अब अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन की सुसेन जेगई और उनके सहयोगियों ने अपनी रिसर्च द्वारा इसे गलत ठहराया है। इसके लिए उन्होंने 70 स्वस्थ वयस्क लोगों को एक चुनौतीपूर्ण ट्रेनिंग एक्सरसाइज के लिए बुलाया। इस एक्सरसाइज में भाग लेने वाले लोगों कोएक इलेक्ट्रॉनिक स्क्रीन पर बनी छोटी वर्गाकार आकृतियों का पथ बताना था, जो प्रत्येक तीन सेकंड में एक नए लोकेशन पर पहुँच जाती थी।

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