अक्सर युवा अपने फुल टाइम जॉब के साथ पार्ट टाइम जॉब भी करते हैं, ताकि उन्हें एक्स्ट्रा इनकम मिले और उनके रिलेशन्स बढ़ सकें। वे अपनी पब्लिक रिलेशन स्किल को बढ़ाने के लिए किसी बीमा कंपनी या किसी मार्केटिंग कंपनी के सलाहकार बन जाते हैं।
बीमा के विज्ञापन पर स्पष्ट भी लिखा होता है कि बीमा आग्रह की विषय वस्तु है। लेकिन देखने में आता है कि बीमा सलाहकार अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को ही पॉलिसी बेचने में ध्यान लगाते हैं, जिससे आपसी संबंधों में फर्क पड़ता है।
अक्सर देखा जाता है कि अगर कोई इस प्रकार के बीमा कंपनी से जुड़ा हुआ है तो वह वक्त-बेवक्त कंपनी की पॉलिसी की जानकारी अपने दोस्तों-रिश्तेदारों को देते रहते हैं। अपने दोस्तों के घर जाकर उन पर बीमा पॉलिसी लेने का दबाव डालते हैं। ऐसे में उनका फ्रेंड्स सर्कल भी धीरे-धीरे उनसे दूरी बनाने लगता है।
जरूरी है अगर बीमा एजेंट का कार्य करते हैं तो यह ध्यान रखें कि अपने टार्गेट को पूरा करने के लिए ऐसा कुछ न करें कि आपके दोस्तों और रिश्तेदारों को उससे परेशानी हो। हर व्यक्ति अपने क्षेत्र में सफलता को पाना चाहता है, लेकिन उस सफलता के लिए दूसरों को परेशानी हो ऐसा नहीं होना चाहिए।
हो सकता है आप बीमा सलाहकार हों और आपका उद्देश्य दूसरों को परेशान कर अपना कार्य करना नहीं हो, लेकिन अगर आप यह महसूस करते है कि आप जब दोस्तों, रिश्तेदारों के पास अपनी कंपनी की नीतियां समझाने जाते हों और वे आपके साथ अनमना-सा व्यवहार करते हों तो समझ लें कि उन्हें आपसे परेशानी हो रही है।
बीमा आज के युग की खास जरूरत है और सभी इसकी आवश्यकता समझते हैं। ऐसे में बीमा एजेंट सिर्फ अपनी पॉलिसी के बारे में बताएं और दूसरों पर गैरजरूरी दबाव न डालें।