-कमल डाबला
चुनौतियों से भरे दैनिक जीवन में वर्क प्रेशर आपको सता सकता है। फिर आप चाहे कहीं भी हों, ऑफिस आपका पीछा नहीं छोड़ता। आपकी नींद, चैन, भूख-प्यास सब आपका साथ छोड़ने लगते हैं। यह दबाव आपको मानसिक के साथ शारीरिक रूप से भी बीमार बना सकता है। प्रस्तुत हैं कुछ ऐसे उपाय, जो इस दबाव से निकलने में आपकी मदद कर सकते हैं।
* क्या आप जानते हैं कि हाईफाई कंपनियों के 40 प्र.श. से ज्यादा कर्मचारी, जो दफ्तर में जिम्मेदारी के पदों पर होते हैं, काम के दबाव के चलते दोपहर का खाना भूल जाते हैं?
* क्या आप जानते हैं कि बड़ी-बड़ी ड्रीम कंपनियों के कर्मचारी भी जॉब यानी नित पुरानी नौकरी छोड़कर नई कंपनी में नौकरी ढूँढने की फिराक में रहते हैं और 60 कर्मचारी नौकरी बदलते भी है?
जी हाँ, यह सब कार्यस्थल के दबाव के चलते होता है। मजे की बात यह है कि बाहर से देखने में जो कंपनी जितनी आरामदायक दिखती है, वहाँ काम करने के दबाव उतने ही भयानक होते हैं। कभी सोचकर देखिए कि आखिर तमाम ऐसी कंपनियों से लोग नौकरियाँ छोड़कर क्यों जाते हैं, जो नौकरी पाना किसी दूसरे के लिए ख्वाब होता है।
जी हाँ, इस सबके लिए यही दबाव ही जिम्मेदार है। लेकिन ये कंपनियाँ कोई जान-बूझकर अपने कर्मचारियों के लिए दबाव पैदा नहीं करतीं। दरअसल दबाव काम में अंतर्निहित होता है। जितनी बड़ी कंपनी उतना बड़ा दबाव। सवाल है कि इस दबाव को मैनेज कैसे करें?
* सबसे पहले तो यह समझ लें कि कार्यस्थल के दबावों से मुक्ति पाने का सबसे आसान रास्ता हमेशा नई नौकरी तलाशना नहीं होता। क्योंकि कोई गारंटी नहीं है कि नई जगह इस समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।
* ऑफिस में दोस्तों का एक नेटवर्क बनाइए ताकि दबाव के समय आप अपनी समस्याओं के निदान में उनका सहयोग ले सकें।
* अगर आप यह सोचते हैं कि बॉस का मतलब है सिर्फ आपका विरोधी, तो दोबारा सोचिए। याद रखिए बॉस की आपसे कोई जाती दुश्मनी नहीं है। वह भी लक्ष्य के दबाव से पीड़ित होता है अतः अपने कार्यस्थल पर ही ऐसे तात्कालिक बॉस या मैनेजर तलाशने चाहिए, जो आपसे सहानुभूतिपूर्वक बात करके आपके तनाव को हल्का कर सकें।
* अपने दबाव को कम करने के लिए रुटीन से हटकर अपने काम को रिस्ट्रक्चर करना चाहिए और गैर जरूरी कामों को अपनी टेबल से हटाकर बाकी काम की उचित प्राथमिकता तय करनी चाहिए, ताकि काम का दबाव कम हो सके।
* हमेशा अपने काम के प्रति पॉजिटिव दृष्टिकोण रखना चाहिए और उसके प्रति उत्साह बनाए रखना चाहिए। यदि फिर भी काम आप पर बोझ बन रहा है तो या तो ऑफिस बदल लें या डिपार्टमेंट।
* दबाव दूर करने के तमाम प्रयासों के बावजूद अगर आपको लगता है कि आप गलत जॉब के साथ जुड़े हैं तो वक्त आ गया है कि इसे बाय-बाय कह दें और सही जॉब तलाश करें।
विशेषज्ञों के मुताबिक कार्यस्थलों में दबाव के कुछ आम कारण होते हैं :-
* जॉब सुरक्षा का न होना।
* बॉस या सीनियर के साथ कम्युनिकेशन गैप।
* बेहतर रिजल्ट की आपस में होड़।
* काम के उचित माहौल का अभाव।
* किसी मजबूरी के कारण ज्यादा घंटे काम करना।
* ज्यादा समय परिवार व घर से दूर रहना।
* दफ्तर के अंदर मौजूद भेदभाव।
* ऑफिस में व्याप्त गुटबाजी।