वैसे तो कॅरियर निर्माण की कई राहें हैं, लेकिन मनचाहे क्षेत्र में कॅरियर निर्माण की राह तलाश करना इतना आसान नहीं है। मनचाही बीवी और मनचाही नौकरी किस्मत वालों को ही मिलती है। आज के बदलते परिवेश में अच्छा कॅरियर हासिल करने के लिए कई अच्छाइयाँ विकसित करनी पड़ती हैं।
आज मेहनत या पसीना बहाने वालों को ही बेहतर काम नहीं मिलता। कॅरियर की दौड़ में कछुआ चाल कामयाबी की गारंटी हर्गिज नहीं हो सकती है। आज तेज-तर्रार खरगोश ही सफलता का पर्याय माना जाता है। कॅरियर निर्माण में उपयोगी दस सूत्रों का पालन कर आप सफलता का वरण कर सकते हैं।
पहला सूत्र : दक्षता विकसित करें-
मौजूदा परिस्थिति में किताबी कीड़ा बनकर या डिग्रियों का ढेर लगाकर सफलता की कामना नहीं की जा सकती है। अपने अंदर झाँककर अपनी प्रतिभा को टटोलें कि किन क्षेत्रों में आप अपनी दक्षता को विकसित कर बाजी मार सकते हैं। जो क्षेत्र आपको सर्वाधिक उपयुक्त लगे, उसमें विशेषज्ञों की सलाह लेकर अपना कौशल बढ़ाएँ।
दूसरा सूत्र : आत्मविश्वास विकसित करें-
जीवन के कुरुक्षेत्र में आधी लड़ाई तो आत्मविश्वास द्वारा ही लड़ी जाती है। यदि योग्यता के साथ आत्मविश्वास विकसित किया जाए तो कॅरियर के कुरुक्षेत्र में आपको कोई पराजित नहीं कर पाएगा। अध्ययन के साथ-साथ उन गतिविधियों में भी हिस्सा लें, जिनसे आपका आत्मविश्वास बढ़े। कार्यशालाओं तथा व्यक्तित्व विकास वाली संस्थाओं में यही सब तो किया जाता है।
तीसरा सूत्र : सम्पर्क बढ़ाएँ-
याद रखें यह जमाना ही सूचना प्रौद्योगिकी का है। यहाँ जितनी जानकारी, जितनी सूचनाएँ आपके पास होंगी, कॅरियर निर्माण की राह उतनी ही आसान होगी। कूपमंडूकता छोड़ें, ज्यादा से ज्यादा लोगों से मिलें, उन्हें अपनी जानकारी दें, उनकी जानकारी लें। आपके जानने वालों का संजाल जितना लंबा होगा सफलता उतनी ही आपके करीब होगी। क्योंकि संपर्क, सफलता में उत्प्रेरक की भूमिका निभाता है।
चौथा सूत्र : नई प्रौद्योगिकी अपनाएँ-
पुराना भले ही सुहाना माना जाता हो, लेकिन आज की प्रतिस्पर्धा में नई प्रौद्योगिकी का महत्व नकारा नहीं जा सकता है। किसी भी क्षेत्र में प्रवेश से पहले पूछा जाता है, क्या कम्प्यूटर चलाना आता है? कम्प्यूटर के आधारभूत ज्ञान के बजाय थोड़ी ज्यादा दिलचस्पी दिखाएँ क्योंकि यही वह अलादीन है, जो कॅरियर निर्माण की हर माँग को पूरा कर सकता है।
पाँचवाँ सूत्र : परिवार से मुँह न मोड़ें-
अकसर देखा गया है कि कॅरियर निर्माण की चिंता में लोग घर-परिवार को भूल जाते हैं। परेशानी और तकलीफ के वक्त परिवार ही काम आता है, इसलिए परिवार को पर्याप्त समय दें। पारिवारिक आमोद-प्रमोद से कॅरियर का संघर्ष आसान हो जाता है तथा आप तनावमुक्त होकर कॅरियर निर्माण की राह पर अग्रसर हो सकते हैं।
छठा सूत्र : दूसरों से व्यवहार करना सीखें-
आपका संघर्ष, आपकी परेशानी नितांत निजी मामला है। इसका असर दूसरों के साथ अपने व्यवहार में न आने दें। जो सभी के साथ मिलकर काम करना सीख लेता है वह पीछे मुड़कर नहीं देखता क्योंकि टीमवर्क के रूप में कार्य करना ही प्रबंधकीय व्यवस्था का मूलमंत्र है।
सातवाँ सूत्र : डींगें न हाँकें, ईमानदार रहें-
झूठ ज्यादा देर टिकता नहीं है। अपने बारे में सही आकलन कर वास्तविक तस्वीर पेश करें। निष्ठापूर्ण व्यवहार की सभी कद्र करते हैं। अपने काम के प्रति आपकी ईमानदारी आपको कॅरियर निर्माण में सर्वोच्च स्थान दिला सकती है। भूलें नहीं, कार्य ही पूजा है।
आठवाँ सूत्र : अति महत्वाकांक्षी न बनें-
प्रत्येक इंसान में महत्वाकांक्षा का होना जितना लाभकारी है, उसकी अतिमहत्वाकांक्षा उतनी ही अलाभकारी होती है क्योंकि 'अति सर्वत्र वर्जयेत।' किसी करिश्मे की उम्मीद न करें। सभी चीजें समय पर ही मिलती हैं। पहले अनुभव प्राप्त करें, फिर आकांक्षा करें।
नौवाँ सूत्र : वक्त के अनुसार ढलें-
आज कॅरियर निर्माण बाजार में उपलब्ध उपभोक्ता वस्तुओं की तरह हो गया है। प्रतिस्पर्धा के बाजार में वही वस्तु टिक सकती है, जिसमें समयानुसार ढलने की प्रवृत्ति हो। कॅरियर के बाजार में अपना मूल्य समझें और स्वयं को बिकाऊ बनाने का प्रयास करें। ध्यान रहे 'परिवर्तन ही संसार का नियम है।'
दसवाँ सूत्र : नवकौशल के उस्ताद बनें-
नई तकनीक की कॅरियर निर्माण में हमेशा माँग रहती है। इससे पहले कि कोई नई तकनीक पुरानी हो जाए आप उसके उस्ताद बन जाएँ। जैसे-जैसे नई तकनीक आती जाए आप उससे तालमेल करना सीख लें। अपने ज्ञान को परिमार्जित करते रहें। भविष्य उसी का होता है, जो अपने को श्रेष्ठतम तरीके से अनुकूल रूप से ढाल लेता है।