भारतीय प्रबंध संस्थान द्वारा आयोजित संयुक्त प्रवेश परीक्षा दो लाख से अधिक छात्रों को आकर्षित करती है छह प्रतिष्ठित आईआईएम संस्थानों में एक स्नातकोत्तर प्रबंधन कार्यक्रम के अनुसार काम करने की महत्वकांक्षा के लिए। यह परीक्षा आईआईएम के अतिरिक्त 100 अन्य संस्थानों में भी मान्य होती है, इसलिए एमबीए महत्वाकांक्षी युवा वर्ग के लिए यह और भी अधिक आवश्यक हो जाता है कि वे इस वार्षिक आयोजन की गंभीरता से तैयारी करें जो उनके करियर का सही ग्राफ निर्धारित कर सकती है। प्रमुख संस्थानों जैसे आईआईएम्स, एक्सएलआरआई, आईएसबी (IIM’s, XLRI, ISB) से एमबीए स्नातक व्यक्ति को आसानी से सात अंक का वेतन मिल सकता है।यह परीक्षा तीन भागों में विभाजित होती है : - मौखिक, मात्रात्मक तथा डाटा व्याख्या अनुभाग। यह परीक्षा अप्रत्याशित भी मानी जाती है तथा आप ऐसा नहीं सोच सकते हैं जो पैटर्न इस वर्ष आया है वही अगले वर्ष भी जारी रहेगा। यहाँ आपको केवल यह ध्यान नहीं रखना है कि आप अच्छे अंक प्राप्त कर सकें बल्कि आपको यह भी ध्यान रखना होगा कि आप हर विभाग के न्यूनतम अंक प्राप्त कर सकें।
आइए एक छात्र को एक नियमित आधार पर प्रत्येक अनुभाग के लिए तैयार करने के लिए कुछ बातों पर चर्चा करते हैं-
मौखिक योग्यता : इस विभाग में सामान्यतः छात्र की शब्दावली, व्याकरण, अंग्रेजी उपयोग के क्षेत्र की परीक्षा होती है। यह एक ऐसा विभाग जो पिछले कई वर्षों से लगातार कठिन होता जा रहा है और इसे उत्तीर्ण करने की एकमात्र कुंजी है कि पढ़ने की अच्छी आदत डालें। इसकी एक अच्छी शुरुआत आप प्रतिदिन कुछ अच्छे समाचार पत्र, व्यावसायिक पत्र तथा साप्ताहिक पत्रिकाओं से कर सकते हैं।
इसमें आपको काल्पनिक तथा अकाल्पनिक उपन्यास पढ़ने की भी आदत डालनी पड़ती है। पढ़ने की आदत न केवल आपको मौखिक विभाग में मदद करती है बल्कि अन्य विभाग को भी समझने में तीव्रता लाती है। शब्दावली को बढ़ाने के लिए आप ‘वर्ड पॉवर मेड इसी’ नॉर्मन लेइस द्वारा लिखित किताब का उपयोग कर सकते हैं। व्याकरण का ज्ञान आप पुरानी रेन तथा मार्टिन की किताबों को दोहराकर प्राप्त कर सकते हैं। केट में दिए गए प्रश्नों का नियमित अभ्यास इस विभाग को उत्तीर्ण करने के लिए परम आवश्यक है।
मात्रात्मक योग्यता :- इस परीक्षा का यह अत्यधिक कठिन भाग होता है। अधिकांश लोग विशेषतः वे लोग जो गैर इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि से हैं, उनके लिए यह अधिक चुनौतीपूर्ण होता है। इसके लिए आपको सबसे पहले गणित की आवश्यकता होती है। यह सामान्यतः 7वीं से 10वीं तक की कक्षाओं के सामान्य विषय पर पूछा जाता है जिसे हर छात्र ने अवश्य पढ़ा होगा। ये प्रश्न सीधे नहीं पूछे जाते हैं बल्कि इन्हें कुछ जाल में रखकर पूछा जाता है।
एक अच्छी संकल्पनात्मक समझ तथा नियमित अभ्यास इस विभाग को उत्तीर्ण करने की कुंजी है। वे छात्र जो गणित की पृष्ठभूमि से नहीं हैं, उन्हें माध्यमिक स्तर की गणित की किताबों का अध्ययन करना चाहिए। नियमित अभ्यास तथा विभिन्न तरह की गणित की समस्याओं को हल करके ही आप इस विभाग में बेहतर कर सकते हैं।
डेटा व्याख्या तथा तर्क योग्यता :- यह एक ऐसा विभाग है जिसमें पिछले कई वर्षों से अधिकतम बदलाव देखा गया है। डेटा इंटरप्रिटेशन भाग में पिछले कुछ वर्षों से ग्राफ, डेटा सफिश्येंसी तथा लॉजिकल एबिलिटी के प्रश्न पूछे गए हैं। पिछले दो वर्षों में पारंपरिक क्षेत्रों से सम्बन्धित प्रश्न जैसे मानक रेखांकन तथा डेटा योग्यता कम हुए हैं तथा तर्क योग्यता के क्षेत्र से संबंधित प्रश्नों की संख्या बढ़ी है।
डेटा इंटरप्रिटेशन पर आधारित लॉजिकल रिजनिंग की वृद्धि को ध्यान में रखते हुए आपको तार्किक (लॉजिकल) आधार पर पहेलियों को सुलझाने का प्रयास करना चाहिए, जो एक तार्किक आधार विकसित करने और विभिन्न दिशाओं में सोच में मदद करता है। इस विभाग के जो प्रश्न पूछे जाते हैं वे छात्र की क्षमता जटिल समस्याओं को तर्क के आधार पर विश्लेषण करने में देखते हैं।
और अब अंत में हम यही कहना चाहेंगे कि आपको अपनी योग्यता तथा अपनी कमजोरी के आधार पर अपनी पढ़ाई का आधार निर्धारित करना चाहिए। चूँकि केट 2009 की परीक्षा इस वर्ष से ऑनलाइन होने वाली है, इसलिए यह भी उतना ही जरूरी है कि आप टेस्ट के पैटर्न के साथ ऑंनलाइन टेस्ट का भी अभ्यास करें।
साभार- एपीजे सत्या एजुकेशन रिसर्च फाउंडेशन