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दि‍ल के दरवाजे खोल, जी भरकर बोल

रेडि‍यो जॉकी: क्‍या है जरूरी

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आवाज के जरि‍ए पहचान और शोहरत कमाने का हॉट करि‍यर है आरजे। बस इसके लि‍ए चाहि‍ए अच्‍छी आवाज, उसका उतार चढ़ाव और कल्‍पनाशील इस्‍तेमाल। बोलने का लहजा स्‍वाभावि‍क, दि‍ल से नि‍कला हो, खुद का स्‍टाइल हो और संगीत में बहना आता हो तो आप इस करि‍यर से ट्यून कर सकते हैं।

धड़ाधड़ खुलते एफएम रेडियो और उन्हें मिलती पॉपुलेरिटी की वजह से आज हजारों-लाखों युवाओं में आरजे बनने की ललक पैदा हो गई है। यह हॉट करियर है। हरदम कुछ नया और क्रिएटिव करने के लिए प्रेरित करता हुआ।

कुछ साल पहले तक किसी ने सोचा नहीं था कि आवाज के जरिए पहचान बनाना युवाओं में खासा लोकप्रिय हो जाएगा। एफएम रेडियो के आने से युवाओं में आरजे यानी रेडियो जॉकी बनने का खासा क्रेज है। आरजे बनने के लिए कुछ योग्यता या खासियतों का होना जरूरी है क्योंकि यहाँ सिर्फ बोलने से ही काम नहीं चलता।

इसके लिए जरूरी है कि अच्छी आवाज के साथ ही मनोरंजन करने की कला आनी चाहिए और इसके साथ ही लोगों से कम्युनिकेशन करने की तरकीबें आनी चाहिए। यहाँ दी जा रही हैं कुछ जरूरी बातें जिनके आधार पर आप अच्छे आरजे बन सकते हैं।

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अच्छी आवाज

आरजे बनने के लिए यूँ तो किसी खास डिप्लोमा या डिग्री की जरूरत नहीं, बस आपके पास अच्छी आवाज होना चाहिए। स्टूडेंट अभिषेक राठौर कहते हैं इस क्षेत्र में केवल आप अपनी आवाज के जरिए दमदार पहचान बना सकते हैं। आपको अपनी आवाज के कल्पनाशील इस्तेमाल और उसके उतार-चढ़ाव के जरिए लोगों को प्रभावित करने की कला आना चाहिए।

भाषा और उच्चारण

हिन्दी और अँगरेजी के साथ ही आपको स्थानीय भाषा और बोली का नॉलेज भी होना चाहिए। आजकल रेडियो पर जिस भाषा का इस्तेमाल किया जाता है वह ठीक हिंदी नहीं है। वह एक तरह की ज्यादा अनौपचारिक और मजेदार तथा मिक्स भाषा है। उसमें हिन्दी के साथ अँगरेजी और बोलियों को शामिल किया जाता है। फिर उच्चारण सही और साफ होना चाहिए।

जनरल अवेयरनेस

रेडियो सिर्फ गीत-संगीत सुनाने और मनोरंजन करने भर का माध्यम ही नहीं रह गया है। इसके जरिए दुनिया जहान की इन्फॉर्मेशंस और कई हलचलों की जानकारियाँ भी दी जाती हैं। इसलिए एक अच्छे आरजे में जनरल अवेयरनेस होना चाहिए। इसके लिए जरूरी है कि वह न्यूज चैनल्स के साथ ही तमाम न्यूज पेपर्स और मैग्जीन्स को नियमित पढ़ता रहे और अपने को अपडेट रखे।

हमेशा खुश

आरजे का कोई समय निश्चित नहीं होता है। उसे प्रोग्राम प्रेजेंट करने के लिए कभी भी कॉल किया जा सकता है लिहाजा यह जरूरी है कि वह किसी भी मनःस्थिति में हो माइक्रोफोन पर उसे हमेशा खुश और एक जिंदादिल आरजे बनना पड़ता है। चूँकि सारा खेल ही आवाज का है लिहाजा आपकी आवाज ही आपके व्यक्तित्व का आईना होती है।

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