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सही मार्गदर्शन से मिली कामयाबी

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हमें फॉलो करें संस्थान आईआईएम कैट परीक्षा आईआईएम से एडमिशन
देश के सबसे प्रतिष्ठित संस्थान आईआईएम के लिए आयोजित कैट परीक्षा का परिणाम पिछले दिनों घोषित किया गया।

16 नवम्बर, 2008 को सम्पन्न इस परीक्षा में लगभग ढाई लाख छात्र बैठे थे। देवांजन डे ने 246 व 356 अंक अर्जित कर सौ पर्सेटाइल प्राप्त कर टॉप किया। इस पर देवांजन डे को सभी छह आईआईएम से एडमिशन के लिए कॉल लेटर आया है। इस सफलता पर उनसे खास बातचीत -

इतनी बडी सफलता पर आपका क्या कहना है?

इस साल कैट का प्रश्नपत्र पिछले साल की अपेक्षा कठिन था, लेकिन मेरे लिए सामान्य। इसके लिए मैंने पहले से ही रणनीति बना ली थी और हर सेक्शन को समयानुसार बाँट दिया था। मैं मानता हूँ कि कैट परीक्षा में केवल समय प्रबंधन ही महत्वपूर्ण होता है। और मैने इसी को ध्यान में रखा। मॉक टेस्ट के अभ्यास से प्रश्नों को हल करने की गति अच्छी हो गई थी, जिससे समय रहते मैने पूरा पेपर हल कर दिया।

अपने बैकग्राउड और कैट की तैयारी के बारे में बताएँ

इंजीनियरिंग का छात्र होने के कारण मुझे तैयारी करने का ज्यादा समय नहीं मिलता था। इसलिए मैने केवल पीटी एजूकेशन का पिनैकल कोर्स किया और परिणाम आपके सामने है। तैयारी के दौरान सही मार्गदर्शन और समसामायिक जानकारी के लिए एक मासिक प्रतियोगिता पत्रिका का नियमित अध्ययन भी किया समाचार पत्रों में द हिन्दू और इकोनॉमिक टाइम्स पढ़ता हूँ।

कैट के अलावा अन्य किन परीक्षाओं में हिस्सा लिया? ये कैट से किस प्रकार भिन्न थे

कैट के अतिरिक्त पिछले दिनों आईआरएमए, जैट और स्नैप की परीक्षा दी है। कैट में प्रश्नों का स्तर बहुत ऊँचा था, जबकि बाकी परीक्षाओं में प्रश्न कामन थे।


कोचिंग की कितनी भूमिका होती है?

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कोचिंग की भूमिका उतनी ही होती है, जितनी बच्चों को स्कूल की सही मार्गदर्शन से न केवल कम समय में सिलेबस पूरा हो जाता है, बल्कि अन्य उपयोगी जानकारियाँ भी मिलती रहती हैं। जिसका फायदा कहीं न कहीं हमें मिलता ही है। मेरा अंग्रेजी सेक्शन बहुत कमजोर था, लेकिन कोचिंग ज्वाइन करने से मुझे अंग्रेजी में बहुत मदद मिली है।

कैट में अंग्रेजी के लिए क्या योजना बनाई थी?

कोचिंग क्लास के दौरान अंग्रजी के एक्सपर्ट ने मेरी बहुत मदद की वह हर सप्ताह मॉक टेस्ट लेते थे। और हमेशा बहुत गलतियाँ निकालते थे, लेकिन इससे मैं निराश नहीं होता था और पूरे जोश के साथ दोबारा मॉक का अभ्यास करता था। अंग्रेजी अखबार और मासिक पत्रिका का भी मुझे लाभ मिला।

जीडी और पीआई के लिए क्या योजना बनाई है?

16 नवम्बर 2008 के बाद से ही मैं जीडी और पीआई की तैयारी में जुट गया। जीडी और पीआई के लिए नियमित रूप से मैगजीन और अखबार पढ़ रहा हूँ। अभ्यास के लिए इंस्टीटयूट में मॉक जीडीपीआई दे रहा हूँ।

क्या आपने इतनी बड़ी सफलता का सपना देखा था?

एक्सपर्ट से अनुमानित कट आफ आँकडे को जानने के बाद मैं आश्वस्त हो गया था। वास्तव में परिणाम अनुमान से और सुखद रहा।

साभार- पीटी एजूकेशन, इन्दौर

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