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सौरभ बने 'ब्रेन गेन' की मिसाल

अमेरिकी डिग्री इंदौर में बिजनेस

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भारत से विदेश की ओर होते प्रतिभा पलायन (ब्रेन ड्रेन) के उदाहरणों को झुठलाते हुए शहर का एक युवा ब्रेन गेन की मिसाल बन रहा है।
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आमतौर पर उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाने वाले स्टूडेंट्स मोटी तनख्वाह वाली नौकरी पाकर वहीं के हो जाते हैं। इसके उलट इंदौर के सौरभ भंडारी विदेशी डिग्री लेने के बाद उद्यमी बनकर शहर लौटे हैं।

शहर के इस युवा का जज्बा इसलिए भी काबिल-ए-तारीफ है, क्योंकि वह किसी पुश्तैनी बिजनेस को संभालने नहीं बल्कि आउटसोर्सिंग और आईटी के बिजनेस की जड़ें इंदौर में गहरी करने का ख्वाब लेकर आया है। अब यह युवा युवा पुणे-बंगलोर जाते ग्रेजुएट्स को शहर में ही आईटी जॉब्स दे रहा है।

चार साल पहले देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी के आईईटी से इंजीनियर बनकर मास्टर ऑफ साइंस की डिग्री लेने सौरभ अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ मिजोरी गए। वहाँ एमएस करने के बाद ऑप्टिकल फाइबर और मोबाइल कम्प्यूटिंग पर रिसर्च भी की। अंतरराष्ट्रीय जर्नल्स में रिसर्चपेपर पब्लिश होने के बाद सौरभ दो अमेरिकी आईटी कंपनियों के साथ सॉफ्टवेयर ऑर्किटेक्ट के रूप में जुड़ गए। नौकरी करते हुए ही अपने देश में बिजनेस की संभावना तलाश ली और बिजनेस प्लान के साथ वापस इंदौर लौट आए। अब सौरभ अमेरिकी कंपनियों के प्रोजेक्टपर इंदौर में काम कर रहे हैं।
  शहर के इस युवा का जज्बा इसलिए भी काबिल-ए-तारीफ है, क्योंकि वह किसी पुश्तैनी बिजनेस को संभालने नहीं बल्कि आउटसोर्सिंग और आईटी के बिजनेस की जड़ें इंदौर में गहरी करने का ख्वाब लेकर आया है।      


26 साल के सौरभ अपने घर में शुरू किए गए सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट सेंटर को एक लिमिटेड कंपनी की शक्ल अख्तियार करता देखना चाहते हैं। सौरभ के मुताबिक विदेश जाते वक्त ही मैंने सोचा था कि अपने देश लौटना है। विदेश में नौकरी करना आसान है, लेकिन बिजनेस के राइट्स पाना नहीं। किसी आम आईटी उद्यमी की तरह मैं बिजनेस सेंटर बनाने पुणे, बंगलोर या गुड़गाँव नहीं गया। इंदौर में इन शहरों के मुकाबले कहीं ज्यादा किफायती इंफ्रास्ट्रक्चर है और पर्याप्त संख्या में मैनपॉवर भी।

शुरुआत करते हुए विदेशी कंपनियों से प्रोजेक्ट पाना आसान न था, लेकिन चूँकि मैं उन कंपनियों में काम कर चुका था इसलिए उन्होंने मुझ पर भरोसा जताया। आईआईटी और आईटी पार्क जैसे प्रोजेक्ट शहर के सुनहरे भविष्य की ओर इशारा कर रहे हैं। उम्मीद है शहर में आईटी बिजनेस बढ़ेगा और दो साल बाद मैं आज से दस गुना ज्यादा युवाओं को रोजगार दे पाऊँग।'

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