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अमीषा पटेल : बाधाएँ अभी और हैं

गोचर में उच्च का शनि लाभ देगा

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हमें फॉलो करें अमीषा पटेल : बाधाएँ अभी और हैं
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पं. अशोक पँवार 'मयंक'

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प्रसिद्ध फिल्म अभिनेत्री कहो ना प्यार है से अपना फिल्मी सफर शुरू करने वाली अमीषा पटेल का जन्म 9 जून 1976 को मुम्बई में वृषभ लग्न सिंह नवांश तुला राशि राहु के नक्षत्र स्वाति में जन्म हुआ।

वर्ष 2000 में आई फिल्म 'कहो ना प्यार है' गुरु की महादशा में चन्द्र की अन्तरदशा में आई थी। आपकी पत्रिका में गजकेसरी योग है। गजकेसरी योग उत्तम राजयोग कहलाता है। फिल्म जगत का कारक शुक्र लग्न में स्वराशि का होने से यह भी पंच महापुरूष योग में से एक राजयोग मालव्य योग बनने से व चतुर्थ भाव का स्वामी सूर्य व मनोरंजन भाव पंचम व धन का स्वामी बुध भी लग्न में साथ है। यही कारण आपका फिल्म जगत में आने का रहा।

लग्न में स्वराशि का शुक्र होने से आप सुन्दर हैं। जहाँ राशि तुला है वहीं राशि स्वामी शुक्र स्वराशि का है। अतः केन्द्रस्थ होने से शुक्र की स्थिति उत्तम हुई। आपने गदर एक प्रेम कहानीं में सकीना का सबसे सशक्त अभिनय कर दर्शकों में अपनी पहचान बनाई। आपका जन्म स्वाति नक्षत्र राहु के नक्षत्र में होकर चन्द्र राहु साथ होने से ग्रहण योग लग रहा है। और यही वजह है आप फिल्मों में कोई खास मुकाम बनाने में सफल नहीं रही।

आपके जन्म के समय गुरु-राहु का दृष्टि संबंध चाण्डाल योग बना रहा है जो उत्तम सफलता के क्षेत्र में बाधा का द्योतक है। अब तीसरा अशुभ योग आपके जन्म समय पर शनि-मंगल साथ है। यह युति भी सफलता के मार्ग में बाधा बनकर खड़ी है। अतः अभी तक आपको अधिक फिल्मों का लाभ नहीं मिल पाया।

वैसे देखा जाए तो आपके जन्म समय पर गजकेसरी योग भी बन रहा है। जो एक उत्तम राजयोग कहलाता है, वहीं मालव्य योग भी है। लेकिन जब अशुभ योग अधिक संख्या में हो तो एक दो राजयोग अपना शुभफल देने में समर्थ नहीं होते। लग्न में शत्रु राशि का सूर्य भी विवाह में बाधक बन खडा़ है। देखने में आया है कि जब लग्न में सूर्य हो तो विवाह में देरी का भी कारण बनता है, जबकि आपकी पत्रिका में जन्म के समय सूर्य शत्रु राशि का है।

शनि की द्वादश भाव पर नीच दृष्टि व षष्ट भाव पर भी शत्रु दृष्टि भी सफलता के मार्ग में बाधा का कारण बनती है। वर्तमान में शनि का गोचरीय भ्रमण पंचम भाव से हो रहा है और मंगल युक्त शनि की भी पंचम भाव पर दृष्टि होने से कोई लाभ वाली बात नहीं रही। शनि जब गोचर में उच्च का होगा तब कुछ लाभ की आशा की जा सकती है वह भी कुछ ज्यादा नहीं।

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