जब से कांग्रेस सत्तासीन हुई है तब से लेकर आज तक हर तरफ महँगाई का दौर चल रहा है। जनता महँगाई के बोझ तले दबी जा रही है। कोई ठोस कदम उठाने के बजाए बयानबाजी के सिवा कुछ नजर नहीं आता। ना ही विपक्ष जोरदार तरीके से अपना पक्ष रखता है। पहले राजा-महाराजाओं के समय राज ज्योतिष हुआ करते थे लेकिन अब उसे मान्यता नहीं हैं।
आज ग्रहों की सत्ता को कोई भी महत्व नहीं देता लेकिन यह सत्य है कि ग्रह किसी को नहीं छोड़ते फिर वो राजा हो या रंक। ग्रहों के फेर से न राम बचे न रावण तो फिर आमजन की क्या बात...। आज महँगाई मुँह पसारे बैठी हैं, कम होने का नाम ही नहीं ले रही। पहले शेयर बाजार गिरा जो अब तक नहीं संभला! आतंकवाद से भी लड़ना पड़ा, अब महँगाई पर बयानबाजी हो रही है। क्या इनके रहते समस्या का निदान होगा या फिर यूँ ही जनता इनकी बयानबाजी को सुनती रहेगी।
आइए देखे क्या कहते हैं राज सत्ताधीशों के सितारे : -
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भारत के प्रधानमंत्री की कुंडली में शनि-मंगल का योग द्वितीय वाणी, तृतीय पराक्रम व पंचम विद्या-बुद्धि व द्वादश बाहरी संबंध से बन रहा है। जो मनमोहन सिंह के कार्य में ढि़लाई का कारण बनता है, इनमें निर्णय लेने की क्षमता पर सवालिया निशान लगाता है। इनकी पत्रिका में मंगल जो ऊर्जा, साहस का कारक होता है वो नीच का है अतः ये सबसे ठंडे प्रधानमंत्री हैं, इनमें सख्ती का अभाव है।
अब यूपीए अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गाँधी की कुंडली:- इनका जन्म लग्न कर्क है। लग्न में शनि पर मंगल की अष्टम दृष्टि पड़ रही है। अतः यह भी अशुभ सप्तम भाव से कही जा सकती है जो कि कम उम्र में वैधव्य योग देखना पड़ा।
कांग्रेस पार्टी भी शनि-मंगल के फेर से नहीं बच सकी। पार्टी की प्रचलन कुंडली धनु लग्न की है जिसमें मंगल उच्च व शनि नीच का है वहीं राशि भी मेष है। मंगल की चतुर्थ दृष्टि पंचम भाव पर व शनि की दशम दृष्टि द्वितीय वाणी भाव पर पड़ रही है। इस कारण सोनिया गाँधी स्वतंत्र रूप से सत्तासीन नहीं हो पाई।
कांग्रेस महासचिव राहुल गाँधी :- इनकी प्रचलित कुंडली वृषभ लग्न की, राशि वृश्चिक है जो मंगल की राशि है वह शनि कि तृतीय दृष्टि से दृष्ट है जो सप्तमेष से बन रही है। अतः विवाह के लिए शुभ नहीं कही जा सकती।
कृषि मंत्री शरद पँवार की कुंडली :- इनका वृश्चिक लग्न है, राशि मेष। शनि नीच का होकर लग्नेश मंगल से दृष्ट है और यही कारण है कि इनकी वाणी से महँगाई ने विक्राल रूप धारण कर लिया है, जब-जब इन्होंने जुबाँ खोली तब-तब महँगाई बढ़ती गई।
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पी. चिदंबरम की कुंडली :- इनका प्रचलित जन्म लग्न मिथुन है। लग्न में ही मंगल-शनि साथ है और यही कारण है कि शेयर बाजार धराशाही हुआ क्योंकि ये पिछली बार वित्तमंत्री रह चुके हैं। वे बार-बार कहते रहे कि घबराने की जरूरत नहीं हैं तो फिर शेयर बाजार की हालत इतनी गंभीर क्यों हो गई! आज तक बाजार की हालत नहीं सुधरी, हाँ चिदंबरम गृहमंत्री के रूप में जरूर सफल रहेंगे।
कहने का तात्पर्य यह है कि यह ग्रहों का कमाल ही है जो इन सत्ताधारियों को परेशान किए हुए हैं। लग्न कोई भी हो यदि शनि-मंगल का योग बनता है तो निश्चत ही कहीं ना कहीं अशुभ परिणाम अवश्य देता ही है।