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कृष्णा पूनिया : बाधक बन सकते हैं शनि-मंगल

ओलिंपिक स्टार कृष्णा पूनिया : बाधक हैं शनि-मंगल

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पं. अशोक पँवार 'मयंक'

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भारत की खिलाड़ी कृष्णा पूनिया लंदन ओलिंपिक में अपने हुनर से गोल्ड मैडल का सपना संजोए पहुंची हैं। क्या वह एथलेटिक्स में गोल्ड मैडल पाकर भारत का सपना पूरा कर पाने में समर्थ होंगी? आइए जानें क्या कहते हैं कृष्णा के सितारे-

कृष्णा पूनिया का जन्म 5 मई 1982 को कन्या चंद्र लग्न राशि में हुआ। किसी भी जातक का वर्तमान गोचर ग्रह से जाना जा सकता है। जन्म के समय व वर्तमान ग्रह स्थिति को जानकर लगभग सटीक भविष्यवाणी की जा सकती है।

कृष्णा के जन्म के समय मंगल कन्या का ही था, जो अभी भी कन्या में ही चल रहा है व 14 अगस्त तक रहेगा। मंगल साहस का प्रतीक है, जो शनि के साथ होने उनमें साहस के साथ हाथों की आक्रामक शैली का प्रतीक भी है। वर्तमान में यही स्थिति चल रही है।

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गोचर ग्रह व जन्म के समय के ग्रह एक जैसे हो तो अपना असर जरूर दिखाते हैं ऐसा अक्सर देखने में आता है। यूं देखा यह भी गया है कि शनि-मंगल की युति कहीं भी हो ठीक नहीं होती।

खेलों में मंगल का शुभ व दोषरहित होना जरूरी होता है लेकिन वह शनि के साथ दूषित है तथा राशि स्वामी बुध, शुक्र की राशि वृषभ में होकर नवम भाव में है। शुक्र-बुध में शत्रुता भी है।

भाग्य का स्वामी उच्च का है। मंगल भी वक्री है। वक्री ग्रह एक घर पीछे का फल आधा देता है। इस नजर से देखा जाए तो कृष्णा को सामान्य से ही संतोष करना पड़ सकता है। मैडल की राह में हल्के अवरोध दिखाई दे रहे हैं।

वैसे कृष्णा की पत्रिका में ज्यादातर ग्रह अनुकूल है। सूर्य उच्च का है व राहु-केतु भी उच्च के है, शुक्र भी उच्च का है। बस परेशानी शनि-मंगल से है। इनका साथ कुछ ठीक नहीं कहा जा सकता।

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