Festival Posters

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

नील नितिन मुकेश की राह में

शनि-मंगल बनेंगे बाधक

Advertiesment
हमें फॉलो करें नील नितिन मुकेश
webdunia

पं. अशोक पँवार 'मयंक'

IFM
प्रसिद्ध गायक मुकेश की आवाज में एक कशिश थीराज कपूर पर फिल्माए गए अधिकांश गाने मुकेश ने ही गाए। यहाँ तक कि मुकेश के निधन पर राज साहब ने यह तक कहा था कि मेरी आवाज चली गई। उनके पु‍त्र नितिन मुकेश ने भी गायन के क्षेत्र को चुना, लेकिन वे ज्यादा चल नहीं पाए। चंद फिल्मों में ही आवाज देकर आज वे गुमनामी के दौर में हैं

नितिन मुकेश के पुत्र नील नितिन मुकेश ने गायन न चुनकर अभिनय के क्षेत्र में भाग्य आजमाना चाहा। उन्होंने ‘जॉनी गद्दा’ नामक फिल्म से अभिनय के क्षेत्र में पदार्पण किया। हालाँकि इससे पूर्व वे एक फिल्म में बाल कलाकार की भूमिका निभा चुके हैं।

आइए देखें क्या कहते हैं नील नितिन मुकेश के सितारे

नील का जन्‍म 15 जनवरी 1982 को कन्‍या राशि में हुआ है। जन्‍म नक्षत्र उत्तरा फाल्‍गुनी है जो सूर्य का नक्षत्र है। बुध राशि स्‍वामी होकर शनि की मित्र मकर में है, वहीं नक्षत्र स्‍वामी सूर्य मकर में है जो शनि का शत्रु है।
  नितिन मुकेश के पुत्र नील नितिन मुकेश ने गायन न चुनकर अभिनय के क्षेत्र में भाग्य आजमाना चाहा। उन्होंने ‘जॉनी गद्दार’ नामक फिल्म से अभिनय के क्षेत्र में पदार्पण किया। हालाँकि इससे पूर्व वे एक फिल्म में बाल कलाकार की भूमिका निभा चुके हैं।      


चंद्र लग्‍न से देखा जाए तो शनि-मंगल-चंद्र की युति हो रही है। वहीं गुरु शत्रु राशि तुला में है। कला का कारक जरूर राशि नक्षत्र सूर्य के साथ शुक्र है। यही कारण है कि उन्होंने अपनी पहली फिल्‍म जो कि मकर राशि नाम से बनी 'जानी गद्दार' में बतौर हीरो के पदार्पण किया। उनकी पत्रिका में राहु और केतु उच्‍च के हैं।

कला जगत में प्रसिद्ध होने के लिए लग्‍नेश राशि के साथ अशुद्ध ग्रहों का न होना, वहीं शुक्र का शुभ होना भी काफी महत्‍व रखता है। चंद्र लग्‍न से देखा जाए तो बुध पराक्रमेश व्‍यापार, सर्विस, पिता का भाव है। उसका व लग्‍न स्‍वयं का स्‍वामी पंचमेश मनोरंजन भाव में भाग्‍येश शुक्र व द्वादेश सूर्य के साथ है। यही कारण है कि उनको दादा स्वर्गीय मुकेश और पिता नितिन मुकेश का लाभ मिला।

लेकिन जहाँ तक उच्‍च सफलता का कारण देखा जाए तो उसके लिए राशि स्‍वामी के साथ राशि में अशुभ ग्रहों का न होना व दृष्‍टि संबंध भी न होना ही सफलता का कारण होता है। मैंने हजारों कुंडलियों का अध्‍ययन किया हैजिस भी पत्रिका में शनि-मंगल का विस्‍फोटक योग हुआ व जिससे संबंध बना उस भाव से संबंधित कारक को क्षति पहुँचाता है।

उनकी राशि कुंडली, जिसे चंद्र लग्‍न कहते हैं उसी में उक्त विस्‍फोटक योग बन रहा है। फिल्‍मों में जहाँ तक उच्‍चतम सफलता का सवाल है, तो वहाँ तक पहुँच पाना मुश्‍किल है, लेकिन यह योग साधारण सफलता में भी बाधक बनता है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi