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पंकज कपूर : भाग्येश गुरु ने बनाया कलाकार

अभिनय के क्षेत्र में बनाई पहचान

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हमें फॉलो करें पंकज कपूर
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पं. अशोक पँवार 'मयंक'

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प्रसिद्ध फिल्म निर्माता-निर्देशक व अभिनेता पंकज कपूर का जन्म 29 मई 1954 को लुधियाना में मेष लग्न व मीन राशि में हुआ। मेष लग्न अग्नि तत्व प्रधान होकर चर लग्न है जिसका मतलब चलते रहना है। लग्न व अष्टम भाव का स्वामी मंगल नवम भाग्य भाव में वक्री होकर नीचस्थ राहु के साथ होने से भाग्य बल जरा कमजोर ही रहा, जिसके कारण आप ज्यादा तर फिल्मों में न आकर छोटे पर्दे पर अपने सशक्त अभिनय के जौहर दिखाते रहे।

मेष लग्न में जन्म होने से आप मिली-जुली कद काठी के है। साथ ही मीन जल तत्व प्रधान राशि होने से आप मोटे भी हो गए हैं।

द्वितीय वाणी, धन व कुटुंब भाव व सप्तम भाव का स्वामी शुक्र तृतीय पराक्रम भाव में मिथुन राशि का होकर पराक्रमेश व षष्टेश शत्रु भाव के स्वामी के साथ-साथ भाग्येश नवम व द्वादशेश गुरु के साथ नीच के केतु के साथ भी होने से आपको कला के क्षेत्र में भाग्य का साथ रहा व गुरु के साथ होने से आप अपने बल पर चारित्रिक भूमिका में भी उत्तम अभिनय निभाते रहे जिससे आपकी अलग ही पहचान बनीं रही।

आपने दस में एक सशक्त खलनायक वाली भूमिका में सफल अभिनय भी किया। पंचम भाव मनोरंजन भाव का स्वामी सूर्य कला के कारक शुक्र की राशि वृषभ में होकर द्वितीय वाणी भाव में होने से आपके संवाद बोलने की अदा कुछ अलग ही है। शनि जन्म लग्न में सप्तम भाव में दशमेश व एकादशेश होकर वक्री होने से फिल्मों में आपका अभिनय विशेष प्रभावी नहीं रहा। सप्तम में होकर तृतीय दृष्टि से मंगल को भी देख रहा है जिसके कारण आपके भाग्य में विशेष सफलता वाली बात भी नहीं रही।

आपके द्वारा निर्देशित सीरियल भी काफी सराहनीय रहे। मुंशी प्रेमचंद के लिखित उपन्यास पर आधारित नाटक में भी दूरदर्शन के सीरियलों में आपका सशक्त अभिनय रहा। गुरु का गोचरीय भ्रमण मेष से भाग्येश व द्वादशेश होने से इस वर्ष कोई विशेष कार्य होने या घर-परिवार में शुभ कार्य होने जैसी स्थिति के योग भी हैं।

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