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लता मंगेशकर : शनि ने दिलावाए कई अवॉर्ड

जन्मदिन मुबारक...

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पं. अशोक पँवार 'मयंक'

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इन्दौर की सरजमीं पर जन्मी देश की महान गायिका, स्वर कोकिला सुश्री लता मंगेशकर (दीदी) का जन्म इन्दौर में 28 सितंबर 1929 को वृषभ लग्न, वृषभ नवांश में हुआ। आपके माता-पिता ने आपका नाम 'हेमा' रखा था।

गिनिज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्‍स में अपना नाम दर्ज कराने वाली गायिका ने 'ऐ मेरे वतन के लोगों, जरा आँखों में भर लो पानी। जो शहीद हुए है उनकी, जरा याद करो कुरबानी।' यह गाना गाकर स्वर्ण अक्षरों से इतिहास रच दिया। यह वही गीत है जिसे हर स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर सुना जाता है और आगे भी सदियों तक बजाया जाएगा।

आखिर लताजी की कुंडली में ऐसा क्या है जिन्होंने कई मधुर गीतों को अमर कर दिया।

आपने सर्वप्रथम 1942 में बनीं मराठी फिल्म 'किती हसाल' में गाना गाया था, लेकिन किसी कारणवश वह फिल्म रिलीज नहीं हो पाई। उस समय आपके आवाज भाव व मनोरंजन भाव का स्वामी बुध की महादशा में अष्टमेश व एकादशेश गुरु का अन्तर चल रहा था। अष्टमेश गुरु के कारण फिल्म प्रदर्शित नहीं हुई।

जब पंचमेश बुध की दशा में, शनि भाग्येश व कर्मेश का अन्तर शुरू हुआ तब आपको गायन के क्षेत्र में सफलता दर सफलता मिलती चली गई। फिल्म महल- 'आएगा आने वाला, मुगले आजम- मन मस्त हो जाता है, प्यार किया तो डरना क्या, प्यार किया कोई चोरी नहीं की' ऐसे कई गाने प्रसिद्ध हुए। उस समय आपको शनि में मंगल का अन्तर चल रहा था। शुक्र की राशि तुला पर स्थित मंगल की लग्न पर शुक्र की राशि वृषभ पर अष्टम दृष्टि पड़ रही थी। शुक्र जनता भाव चतुर्थ में सिंह राशि का होकर बैठा है। अतः जनता के बीच प्रसिद्धि मिलना ही थी।

आपकी पत्रिका में उच्च का बुध, स्वराशिस्थ चन्द्र, मंगल की उच्च दृष्टि भाग्य पर व कर्मेश शनि का कर्म भाव को देखना सबसे बडा़ सफलता का कारण बना।

आपको कई अवॉर्ड से नवाजा गया जिसमें फिल्म फेयर अवॉर्ड, नेशनल अवॉर्ड, महाराष्ट्र स्टेट अवॉर्ड, पद्मभूषण, दादा साहेब फालके अवॉर्ड आदि से नवाजा गया। यह सब भाग्येश शनि कर्मेश को देखने से व मंगल की उच्च दृष्टि भाग्य पर पड़ने से हुआ।

अभी आपको राहु की दशा में लग्नेश शुक्र का अन्तर चल रहा है सो आने वाला समय महत्वपूर्ण व लाभदायक रहेगा। शनि का अष्टम में होना आपकी उम्र में वृद्धि का कारण बना इसलिए आपको लंबी उम्र का वरदान मिला।

लताजी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ...।

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