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लालकृष्ण आडवाणी : क्यों आए सितारे गर्दिश में

किस ग्रह के प्रेरित किया इस्तीफे के लिए

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भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ने अचानक पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। सितारे बताते हैं कि उन्हें शनि की महादशा में बुध की अंतर्दशा चल रही है जो 19-9-2011 से आरंभ होकर 20-5-2014 तक रहेगी। शनि की महादशा में अक्सर व्यक्ति अप्रत्याशित निर्णय लेता है। या कहें कि अंतरात्मा को झकझोरने का काम शनि ही करता है। दूसरा शनि की महादशा में बुध की अंतरदशा अति संवेदनशील भी बनाती है।

अगर आडवाणी विवेक से निर्णय लेते तो यह स्थिति निर्मित नहीं होती। मंगल उन्हें अति महत्वाकांक्षी बनाता है यही वजह है कि अपने राजनीतिक कार्यकाल में उन्हें प्रधानमंत्री पद के उच्च अभिलाषी के रूप में पहचाना जाता रहा है। ‍विशेषकर जब अटलबिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री पद पर थे तब भी उन्हें ही अगला दावेदार माना जा रहा था। हालांकि यह सफलता उनके नसीब में नहीं है।

लालकृष्ण आडवाणी का जन्म 8 नवंबर 1927 में पाकिस्तान में हुआ। उनके जन्म के समय अश्विनी नक्षत्र चल रहा था। इस प्रभाव से आडवाणी भाग्यशाली, कुशल राजनीतिज्ञ है।

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आडवाणी की पत्रिका के अनुसार जन्म के समय चंद्र की स्थिति लोभी स्वभाव का बनाती है। मंगल की स्थिति से ही लालकृष्ण प्रबल पराक्रमी होते हुए भी विफलता से दुखी एवं चिंतित रहते हैं।

जन्म के समय में गुरु मीन राशि पर परिभ्रमण कर रहा था। कुंडली में बैठे शुक्र क‍ी स्थिति सुख प्रदान करती है। शुक्र के कारण आडवाणी अपने बयानों के कारण विवादों में आते रहे हैं। अपने गुण व कीर्ति का ह्रास करते हैं। पार्टी के खास और नज‍दीकी लोगों को अपना बैरी बना लेते हैं।

कुंडली में शनि की स्थिति आडवाणी को कटुभाषी बनाती है।

लालकृष्ण आडवाणी को वर्तमान में शनि की महादशा चल रही है। इसकी अवधि 19 वर्ष है। यह 20-10-2009 से आरंभ हुई है और 20-10-2028 तक रहेगी। शनि की महादशा में वर्तमान बुध की अंतर्दशा 19-9-2011 से 20-5-2014 तक रहेगी। इसके बाद केतु की अंतर्दशा भी 20-5-2014 से 6-6-2015 तक रहेगी।

लालकृष्ण आडवाणी के लिए शनिवार का दिन विशेष शुभ है।

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