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श्रेया घोषाल : इस वर्ष होगा विवाह!

श्रेया : लोकप्रियता कायम रहेगी

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पं. अशोक पँवार 'मयंक'

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सारेगामापा रियलिटी शो से बॉलीवुड में पदार्पण करने वाली प्लेबेक सिंगर श्रेया घोषाल का जन्म 12 मार्च 1984 को बेहरामपुर पश्चिम बंगाल में चन्द्र लग्न में हुआ।

श्रेया के जन्म कुंडली में चन्द्र लग्न से वाणी भाव का स्वामी चन्द्र लग्न में है यही कारण है कि आपकी वाणी में मधुरता है और आप संगीत क्षेत्र में आईं।

स्वर भाव का कारक सूर्य कला के कारक शुक्र के साथ कुंभ राशि में व चन्द्र लग्न से नवम भाव में होने से गायन के क्षेत्र में श्रेया घोषाल ने सफलता के आयाम को छुआ। देवदास में श्रेया के गाए पांच गानों ने सिद्ध कर दिया की वह उम्दा गायक हैं।

चन्द्र को गुरु भी सप्तम यानी पूर्ण दृष्टि से देख रहा है। श्रेया की पत्रिका में गजकेसरी नाम का श्रेष्ठ राजयोग बनने के कारण वह सफलतम गायक है।

लग्न का स्वामी बुध नीच राशि मीन में है लेकिन चन्द्र लग्न से गुरु केन्द्र में होने से बुध का नीच भंग हो गया है इसी कारण से लग्न प्रभावशाली बन गया है।

नीच भंग राजयोग उच्च के ही समान फलदायी होता है। श्रेया की पत्रिका में दूसरा राजयोग शनि-शुक्र में राशि परिवर्तन से बन रहा है। शुक्र-शनि की राशि कुंभ में है व शनि-शुक्र की राशि तुला में है। इसी कारण श्रेया को सफलता के मार्ग में परेशानी कम आई।

मंगल, साहस का प्रतीक होता है वह चन्द्र लग्न से स्वराशि वृश्चिक में होकर शत्रु भाव षष्ट में केतु के साथ है और इस वजह से आपका गायन के क्षेत्र में कोई सीधा प्रतिद्वंद्वी नहीं है। गायन के क्षेत्र में श्रेया की अपनी अलग ही पहचान है और वह आगे भी कायम रहेगी।

गुरु 31 मई से मिथुन राशि में पूरे एक वर्ष रहेगा जो चन्द्र से गोचर भ्रमण करेगा। इस कारण प्रबल राजयोग के साथ-साथ विवाह के भी योग बनेंगे, लेकिन शादी करना या ना करना श्रेया पर निर्भर करता है।

कई बार विवाह योग बनने पर भी किसी कारण से विवाह नहीं होता, ऐसी स्थिति श्रेया के जन्म के समय के शनि ग्रह के कारण हो सकती है।

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