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सुषमा स्वराज: गोचर के ग्रह करेंगे गड़बड़

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भारती पंडित

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सुषमा स्वराज का जन्म 14 फरवरी 1952 को शाम 5 बजे के लगभग हुआ। धनु लग्न कन्या राशि में जन्मीं सुषमा स्वभावत: नेतृत्व प्रतिभा की धनी हैं। कन्या राशि व वाणी भाव में बुध वाक् प्रतिभा को भी दिखाता है। लग्न का शुक्र सौंदर्य बोध के साथ समाज से जुड़ने की योग्यता दिखाता है।

उसी तरह स्वराशिस्थ गुरु चतुर्थ में होकर जनता से प्रेम मिलने का सूचक है। चंद्र-शनि युति मानसिक अस्थिरता का सूचक है मगर स्वराशिस्थ गुरु की दृष्टि इसे भौतिकता से परे आध्‍यात्मिकता व जनकल्याण का पुट देती है। पंचमेश मंगल भी अपने भाव पर पूर्ण दृष्टि रखकर बुद्धि बल बढ़ा रहा है।

वर्तमान में सुषमा शनि की महादशा में शनि के ही अंतर से गुजर रही हैं। शनि धन व सप्तम भाव का कारक हो दशम में है, गुरु से दृष्ट है अत: महादशा योगकारक है। हाँ गोचर में देखा जाए तो गुरु राहु द्वितीय में है, गुरु नीच है जो स्वराशि के स्थान से दशम है, पद हानि कर सकता है, बयानबाजी से परेशानी दे सकता है।

16 मई यानी मतगणना के दिन गोचर में गुरु कुंभ में, शनि सिंह में, राहु मकर में रहेंगे जो जीत के समीकरण गड़बड़ाने की कोशिश करेंगे। हालाँकि महादशा स्वामी की प्रबलता जीत की ओर अग्रसर करेगी मगर जीत का अंतर कम हो सकता है। महत्वपूर्ण पद मिलने में भी शंका या कठिनाई रह सकती है।

सुषमा को बयानबाजी पर काबू रखकर जनता का प्रेम हासिल करने, गरीब-असहाय लोगों की मदद करने और गुरु तुल्य व्यक्ति की सलाह से काम करने का प्रयास करना चाहिए।

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