Ramcharitmanas

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

सुष्मिता सेन : हैप्पी बर्थ डे...

वृषभ का गुरु दिलाएगा विवाह में सफलता

Advertiesment
हमें फॉलो करें सुष्मिता सेन
webdunia

पं. अशोक पँवार 'मयंक'

WD

प्रसिद्ध फिल्म अभिनेत्री सुष्मिता सेन का जन्म 19 नंवबर 1975 को वृश्चिक लग्न सिंह नवांश में हुआ। वृश्चिक लग्न वाले जातक उत्तम कदकाठी के होते है, राशि वृषभ होने से आप इकहरे शरीर की है।

आपकी मधुर आवाज का रहस्य स्वर भाव का स्वामी शनि स्वर भाव पराक्रम तृतीय भाव को नवमं धर्म भाव से देख रहा है, वहीं वाणी भाव का स्वामी गुरु पंचम भाव से लग्न को देख रहा है। इसी कारण से आपकी आवाज में मिठास है।

आपका फिल्मी सफर ‍'दस्तक' से शुरू हुआ और आपकी अनेक फिल्में आईं लेकिन आप सफलता की ज्यादा सीढि़यां नहीं चढ़ पाई। इसका एक कारण कला के कारक शुक्र का नीच राशि में होकर एकादश भाव में रहा। चूंकि एकादश भाव से पंचम मनोरंजन भाव पर पूर्ण दृष्टि पड़ रही है फिर भी सफलता के मार्ग में बाधा ही रही।

webdunia
WD
शुक्र कला का कारक है लेकिन नीच का है व राशि स्वामी भी है। इस प्रकार से देखा जाए तो शुक्र का पूर्ण फल नहीं मिला। नहीं तो सुन्दर होने के साथ-साथ मधुर आवाज होने पर भी सफलता नहीं मिली।

आप मेहनती है वो चंद्र के उच्च होने से, लेकिन राशि स्वामी का बलहीन होना भी एक कारण बना। भाग्य का स्वामी उच्च का होने से ही आप फिल्मों में रहीं, नहीं तो अभी तक अन्य कई हीरोइनों की तरह गुमनामी होकर रह जाती।

इधर पंचम भाव का स्वामी गुरु भी वक्री है, जो सफलता के मार्ग में बाधा का कारण बना। नहीं तो आप सफलतम होती यही तो ग्रहों की माया है।

आपकी जन्मपत्रिका के अनुसार अभी तक विवाह का न होना लग्न पर विराजमान सूर्य की ही कृपा रही। लग्नेश मंगल भी वक्रहोकर अष्टम भाव में है। अक्सर देख गया है कि जिसकी भी जन्मकुंडली में सूर्य लग्न या सप्तम भाव में हो तो उस जातक का विवाह देरी से होता है या फिर दांपत्य जीवन में बाधा का कारण भी बनता है। किसी-किसी जातक की पत्रिका में अन्य ग्रहों के प्रभाव से भी विवाह नहीं होता है।

गुरु का वृषभ राशि में होकर 17 मई को दोपहर को बारह बजे वृषभ राशि पर आने से आपकी पत्रिकानुसार सप्तम भाव से गोचर भ्रमण कर गजकेसरी योग बनने से आपके विवाह के योग बन सकते हैं।

पंचमेश प्रेम का कारक भाव भी है, वह शुक्र की राशि पर होकर पंचम दृष्टी से एकादश भाव पर बैठे शुक्र को भी देखेगा। इस प्रकार शुक्र गुरु का दोहरा प्रभाव लिए होगा, जो विवाह का कारक बन सकता है। पंचमेश का सप्तमेश को प्रबल रूप से देखना भी विवाह का कारण बन सकता है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi