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इसलिए मिला नारंग को कांस्य

ओलिंपिक स्टार गगन नारंग

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पं. अशोक पँवार 'मयंक'

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भारत के प्रसिद्ध शूटर गगन नारंग का जन्म 6 मई 1983 को वृश्चिक लग्न कुंभ राशि में हुआ। गगन के जन्म के समय पंचम भाव का स्वामी गुरु लग्न में मित्र राशि का है। वहीं राशि स्वामी शनि उच्च का होकर द्वादश भाव में है।

किसी भी शूटर के लिए ध्यान का केंद्रित होना आवश्यक है, तभी वह अपने लक्ष्य को भेद सकने में कामयाब हो सकता है। लग्न का स्वामी मंगल, शत्रु भाव में उच्च के सूर्य के साथ विराजमान है।

शत्रु भाव में होने से आप प्रतिद्वंद्वी से टक्कर ले सकते हैं, लेकिन यहां पर राशि स्वामी शनि, मंगल पर पूर्ण दृष्टिपात कर रहा है जो राशि स्वामी भी है।

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सूर्य-शनि में भी दृष्टि संबंध बन रहा है, जो गोल्ड मैडल के लिए बाधक बनता है। हम तो यही चाहते हैं कि भारत की झोली में अधिक से अधिक गोल्ड मैडल आए लेकिन ज्योतिषीय दृष्टि से देखा जाए तो ग्रहों का अनुकूल होना भी परम आवश्यक है।

यहां शनि-मंगल का दृष्टि संबंध ठीक नहीं है। क्योंकि साहस ऊर्जा का कारक मंगल आंशिक अशुभ नजर आ रहा है। गुरु का वृश्चिक राशि पर होकर भाग्य पर उच्च दृष्टि डालना संतोष वाली बात की और इशारा भी करता है। गोल्ड मैडल ना भी ला सके तो गगन भारत को निराश नहीं करेंगे। कोई ना कोई उपलब्धि उनके खाते में अवश्य दर्ज होगी। सिल्वर या कांस्य पदक लाने की प्रबल संभावना है।

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