25 जून 1974 को मुंबई में जन्मी करिश्मा कपूर का बॉलीवुड फिल्मों में दूसरी पारी का पदार्पण 'डेंजरेस इश्क' से हुआ, जो बॉक्स ऑफिस पर ज्यादा कमाल नहीं दिखा पाई और फ्लॉप फिल्म कहलाई। आइए जानते है दूसरी पारी में करिश्मा क्यों सफल नहीं हो पाई।
वैसे तो किसी भी जातक को नया कम शुरू करने से पहले, सही समय एवं ग्रहों की अनुकूलता का होना ही सफलता के मार्ग को प्रशस्त करता है। आपकी पत्रिका में राशि स्वामी व चंद्र लग्न का स्वामी सूर्य शत्रु शनि के साथ है, वहीं आय भाव का स्वामी बुध वक्री भी है ऐसी स्थिति में कम आय को दर्शाता है। साथ ही सूर्य जो राशि स्वामी है, वह भी कमजोर शनि के साथ होने से यह सब हुआ।
मनोरंजन भाव का स्वामी गुरु भी सप्तम भाव में शत्रु शनि की राशि कुंभ में होने से मनोरंजन भाव भी कहीं ना कहीं पति की वजह से कमजोर ही रहेगा। जनता भाव, चतुर्थ भाव में राहु नीचस्थ के समान होकर बैठा है, अतः जनता में पहले जैसी छवि बनाना आसान काम नहीं है। पत्रिका में चंद्र लग्न से भाग्य का स्वामी मंगल भी नीच का होकर द्वादश भाव में है।
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यही कारण है कि आपकी दूसरी पारी ज्यादा सफलतादायक नहीं रही। वैसे तो दशम राज्य व उच्च व्यवसाय, नौकरी का भाव है व फिल्म में आना उच्च व्यवसाय के अंर्तगत आता है। वहीं पर शुक्र स्वराशिस्थ होकर वृषभ का है लेकिन केतु भी साथ है। यह भी वजह है कि दाम्पत्य जीवन में बाधा के साथ ही मनोरंजन की दुनिया में आपका दूसरी पारी का पदार्पण बाधा का ही रहेगा।
जन्मकुंडली में गुरु-चंद्र अवश्य गजकेसरी योग बना रहे हैं, लेकिन वो भी शुभ रूप से नहीं है। इसे ग्रहों की ही माया कहा जा सकता है जिस वजह से आपके दाम्पत्य जीवन में कमी के कारण बने एवं अपनी स्वतंत्र आय को पाने के लिए पुन: चुने गए फिल्मी करियर में अब वो सफलता वाली बात नहीं रही।
पत्रिका में वर्तमान में गुरु वृष राशि का है और वक्री होकर कन्या में चल रहा है, राहु वृश्चिक में है, तो केतु वृषभ में है जो जन्म के समयानुसार ही हैं। गुरु भी शुक्र के साथ गोचर भ्रमण कर रहा है। अत: ग्रहों की अनुकूलता ही सफलता की पहली सीढ़ी होती है, लेकिन पत्रिका बता रही है कि फिल्मों में आपकी दूसरी पारी ज्यादा सफलता नहीं दिला पाएगी। अत: आपको बतौर सफल अभिनेत्री के बारे में दूर ही रहना होगा।
वैसे तो सिंह राशि वाले जातकों की मुख की आकृति चौड़ी और पुष्ट होगी। भौंहों के घुमाव तथा ललाट की बनावट बहुत कुछ सिंह के समान लगेगी। चाल में सिंह जैसी निर्भिकता और संतुलन भी होगा। शरीर सुगठित होगा। आंखे सुंदर और भाव प्रकट करने वाली होंगी। लेकिन फिर भी दूसरी पारी में फिल्मों में सफलता मिलना संभव नहीं रहेगा।