प्रसिद्ध मॉडल व अभिनेत्री काजल अग्रवाल का जन्म 19 जून 1985 को मिथुन-चन्द्र लग्न व राशि में हुआ। काजल की सर्वाधिक फिल्में दक्षिण में बनी। जन्म के समय चन्द्र की स्थिति मिथुन में थी। राशि स्वामी बुध के साथ पराक्रम भाव का स्वामी सूर्य, आय भाव व षष्ट भाव का स्वामी मंगल भी है।
इन चर्तुग्रही योग ने काजल को काफी सुंदर, छरहरा बनाया। सूर्य से तेज, मंगल से साहस व चन्द्र ने गौर वर्ण व बुध ने चतुर बनाया।
एक कलाकार के लिए पंचम भाव के स्वामी का सबसे बडा़ महत्व होता है, जो सफलतादायक भी होता है। आपके जन्म के समय शुक्र, मंगल की राशि मेष में होकर आय भाव एकादश में है। इस प्रकार कला के गुण मंगल ने भावेश भावाम के तहत ले रखे हैं।
पंचम भाव का स्वामी शुक्र पंचम भाव को सप्तम दृष्टि से देख रहा है, इस कारण भी पंचम भाव को बल मिल रहा है। काजल फिल्म जगत में आई व मॉडल के रूप में सफल है।
अष्टम व भाग्य का स्वामी वक्री होकर पंचम भाव में है जो बॉलीवुड के लिए कम सफलता का रहता है। शनि पश्चिम दिशा का स्वामी है, जो कला के कारक शुक्र की राशि तुला में है। गुरु वक्री होकर अष्टम भाव में नीच का है लेकिन वक्री ग्रह नीच का हो तो उसका फल उच्च के समान होता है। अतः काजल के लिए बुरा असर नहीं डालेगा।
राहु शुक्र के साथ है। शुक्र पंचमेश है। सफलता के मार्ग में कठिनाई अवश्य देगा लेकिन लग्नस्थ चतुर्थ ग्रही योग बाधा भी दूर करेगा। अभी गुरु की महादशा चल रही है व गुरु वर्तमान में पूरे वर्ष भर मिथुन लग्न से भ्रमण करने से लाभदायक ही रहेंगे। सफलता भी मिलेगी।