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कैलाश खेर : मंगल ने दी है स्वर की सुंदरता

हैप्पी बर्थ डे

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पं. अशोक पँवार 'मयंक'

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लोकगायक एवं पार्श्वगायक कैलाश खेर का जन्म 7 जुलाई 1973 में कन्या चन्द्र राशि व लग्न में मेरठ में हुआ। स्वर भाव का स्वामी शुक्र एकादश भाव में लग्नेश बुध के साथ है। बुध वक्री है, यह एक घर पीछे का फल देता है। इस प्रकार दशम भाव का भी प्रभाव इनके जीवन में रहेगा।

तृतीय यानी वाणी भाव का स्वामी मंगल है, यह शनि से दृष्ट होने के कारण आवाज में ऊंचाई और खूबसूरती देता है।

मंगल सप्तम भाव में है। यह स्थान दैनिक व्यवसाय भाव का भी है और गायन भी दैनिक व्यवसाय में ही आता है। शनि पंचमेश होकर कला व मनोरंजन का कारक है, जो मंगल को दशम दृष्टि से देख रहा है। वैसे शनि-मंगल का दृष्टि संबंध कहीं भी ठीक नहीं होता और यही वजह है कि आपके लिए गायन में शिखर तक पहुंच पाना मुश्किल नहीं, तो आसान भी नहीं रहा है।

लेकिन स्वर भाव का स्वामी मन के कारक चन्द्र की कर्क राशि में होने से आप भावना प्रधान होकर मन से गाते हैं। मंगल चन्द्र को सप्तम दृष्टि से देख रहा है इस अखंड लक्ष्मी योग से आपको धन की कमी नहीं रहेगी।

चन्द्र लग्न से चतुर्थ भाव में नीच का राहु होने से कहीं ना कहीं पारिवारिक क्षति अवश्य देता है। पंचम में गुरु नीच का है लेकिन वक्री होने से उच्च का फल देगा और इसीलिए मनोरंजन की दुनिया में बने रहेंगे। सूर्य शनि का संयोग साथ होने पर शनि गड़बड़ी नहीं कर पाता।

आपको उत्तम सफलता के लिए शनि-मंगल के दोष का उपाय अवश्य करना चाहिए। क्योंकि यह योग कहीं ना कहीं नुकसान दे‍ता ही है। शनिवार को कच्ची जमीन पर तिल तेल गिराएं। लाभ होगा।

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