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गीता बसरा : गुरु की कृपा बनी रहेगी

हैप्पी बर्थ डे

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पं. अशोक पँवार 'मयंक'

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गीता बसरा 2006 में प्रदर्शित फिल्म 'दिल दिया है' से अभिनेत्री के रूप में आई। गीता का जन्म 13 मार्च 1984 को इंग्लैंड में हुआ। मेष लग्न, कर्क राशि व कर्क नवांश में होने से गीता की कदकाठी मिलीजुली है।

मेष लग्न वाले जातक साहसी, सामान्य, सुंदर होते हैं। लग्न का स्वामी मंगल स्वराशि का होकर अष्टम भाव में होने से गीता को फिल्म जगत में थोड़ा संघर्ष करना पडे़गा, तब जाकर कुछ सफलता मिलेगी।

कर्क राशि होने से गीता का स्वभाव भावुक होगा। कला का कारक शुक्र वाणी, कुटुंब भाव व सप्तम भाव का स्वामी होकर एकादश भाव में शनि की मित्र राशि कुंभ में है।

मनोरंजन भाव का स्वामी सूर्य के साथ होने से गीता मनोरंजन की दुनिया में आईं।

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गीता की पत्रिका में सबसे प्लस प्वॉइंट गुरु है जो नवम यानी भाग्य भाव में है। गुरु अपनी राशि में होने से भाग्य का साथ मिलता हमेशा रहेगा।

जब भाग्य का स्वामी भाग्य भाव में हो तो भाग्य साथ देता ही है। लग्न पर गुरु की पंचम दृष्टि पड़ने से आत्मबल में वृद्धि होती है इससे आत्मविश्वास बढ़ता है और यही योग फिल्मी दुनिया में भी बनाए रखेगें।

गुरु की कृपा पंचम यानी मनोरंजन भाव पर पड़ने से गीता को मनोरंजन के क्षेत्र में सफलता मिलेगी। मंगल अष्टम भाव में केतु के साथ होने से वाहनादि का भय रह सकता है।

पंचमेश को सूर्य सप्तम दृष्टि से देखें तो फिल्मों में सफलता हेतु अधिक प्रयास करना पड़ सकता है, फिर भी गुरु की कृपा बनी रहेगी। गीता को उत्तम सफलता हेतु पुखराज अवश्य ही धारण करना चाहिए व अधिकतम पीली वस्तुओं का इस्तेमाल करना चाहिए। पुखराज के साथ मोती पहनना अतिशुभ फलदायी रहेगा।

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