पिछले साल के मुकाबले इस साल पलायन बढ़ने वाला है। छोटे शहरों से बड़े शहरों की ओर और भारत से विदेशों की ओर। पर जो जहाँ जाएगा वहाँ नाम कमाएगा। दोहा में हुए आठवें एशियाई खेलों में भारत आठवें नंबर पर था।
हो सकता है, इस बार चीन में होने वाले इन खेलों में भारत शीर्ष के पाँच देशों में आ जाए। पदक और प्रदर्शन के लिहाज से भारत कुछ नए खेलों में अपना खाता खोलेगा।
शेयर बाजार 25 हजार का आँकड़ा छूएगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल होगा। नवयुवकों को मौका मिलेगा। राहुल गाँधी के करीबी युवा भी अपनी जड़ें मजबूत करेंगे। कुछ बड़े घोटालों से पर्दा उठेगा। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान-सम्मान बढ़ेगा। सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के लिए भारत की मुहिम एक कदम आगे बढ़ेगी।
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दूसरी तरफ 30 नवंबर, 2010 से 8 जनवरी 2011, 25 मार्च से 3 मई और 25 जुलाई से 9 सितंबर, 2011 तक का समय देश की राजनीति, शेयर बाजार, जलवायु इत्यादि के लिहाज से ठीक नहीं है।
इस दरम्यान विघ्नकारी तत्व सामाजिक शांति को बिगाड़ और जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर सकते हैं। लिहाजा इन तीन अंतरालों में सतर्क और सचेत रहने की जरूरत है।
ऐसा इसलिए कि स्वतंत्र भारत की कुंडली में इस दौरान सूर्य की महादशा में राहु की अंतर्दशा रहेगी। इस दौरान मंगल-शनि का संबंध रहेगा और राहु का गोचर भी शुभ नहीं रहेगा। लिहाजा ये तीनों फेज देश को अशांत कर सकते हैं।