महेश भट्ट : ग्रहों की अनुकूलता ने दिलाया यश
फिल्म निर्माता-निर्देशक महेश भट्ट का जन्म 20 सितंबर 1948 में रेवती नक्षत्र में हुआ, रेवती नक्षत्र ने उन्हें आर्थिक-भौतिक सुख दिया। कुंडली में सूर्य द्वितीय भाव में होने से भाग्य वृद्धि हुई। सफलता के मार्ग में जो कष्ट आए वह सूर्य के प्रभाव से दूर होते गए एवं महेश-भट्ट को सफलता मिलती गई ।चन्द्र ने महेश भट्ट को फिल्मों में उच्च निर्माता का स्थान दिलाया एवं चन्द्र ने भी आर्थिक सुख प्रदान किया। मंगल ने स्वयं के परिश्रम से ऐश्वर्यवान बनने वाले गुण दिए।
कुंडली में बुध की स्थिति द्वितीय भाव में है और स्व-राशि पर विराजमान होने से बुध ने भी महेश-भट्ट को पराक्रमी एवं सारे विषयों का सुख दिया। गुरु की स्थिति भी सर्वसुख प्रदान करती है। गुरु, मंगल की राशि पर विराजमान होने से क्षमाशील स्वभाव का बनाती है। शुक्र सुख तो देता है परंतु अपने वाले से बैर करा सकता है अत: शुक्र की शांति कराना चाहिए। शनि महेश-भट्ट को सम्पत्तिवान बनाता है परंतु शारीरिक कष्ट दे सकता है। विशेष कर नेत्र की तकलीफ दे सकता है। राहु नवम भाव में विराजमान होने से सद्गुणी एवं कृतज्ञ बनाता है। केतु भी धन, ऐश्वर्य एवं तेज की वृद्धि करता है।