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सानिया मिर्जा : शनि-मगंल नहीं देगा सुख

शनि की मगंल पर दृष्टि से उभरा विवाद

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हमें फॉलो करें सानिया मिर्जा : शनि-मगंल नहीं देगा सुख
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पं. अशोक पँवार 'मयंक'

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भारत की टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा का जन्म हैदराबाद में 15 नवंबर 1986 को मेष राशि चन्द्र लग्न में हुआ। किसी भी जातक की वर्तमान जानकारी चन्द्र लग्न से जानी जाती है। आज सानिया और पाक क्रिकेटर शोएब मलिक का निकाह होने की खबरों से विवादों में आई सानिया के बारे में जानेंगे कि क्या यह विवाद जल्द खत्म होगा? अगर निकाह होता है तो सक्सेस रहेगा या नहीं।

इस विषय को लेकर हमने जो ग्रहों की बात समझी उसे यहाँ प्रस्तुत कर रहे हैं। वैसे देखा जाए तो मुस्लिम समाज में इन सब बातों को नहीं माना जाता लेकिन ग्रह किस तरह प्रभावी होते हैं, वो किसी के जात-पात, धर्म को नहीं देखते। वे अपना प्रभाव दिखाए बगैर नहीं छोड़ते।

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सानिया के जन्म के समय मेष राशि थी इसका स्वामी मंगल है। मंगल साहस, ऊर्जा का कारक होने के साथ-साथ खेल जगत का भी कारक है। जहाँ आपकी राशि मेष है वहीं दाम्पत्य का कारक शुक्र स्वराशि का होकर तुला में वक्री है। यदि शुक्र वक्री, अस्त या नीच के साथ शत्रु क्षैत्री हो तो दाम्पत्य जीवन ठीक नहीं रहता। शुक्र के साथ सूर्य नीच का है व बुध भी साथ है। इन तीनों ग्रहों की स्थिति दाम्पत्य जीवन के लिए कुछ ठीक नहीं रहती। ऐसा अधिकांश पत्रिकाओं में देखनें में आया है।

यदि शनि मंगल की राशि में हो तब भी शनि का फल जातक के लिए ठीक नहीं रहता। आपकी पत्रिका में मंगल प्रभावित राशि पर शनि का दोहरा प्रभाव है, एक तो शनि का मंगल की राशि वृश्चिक पर होना व शनि कि तृतीय दृष्टि उच्च के मंगल पर पड़ रही है। और यही कारण है कि आपकी शादी विवादों का कारण बनी।

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मंगल चंद्र को भी चतुर्थ दृष्टि से देख रहा है जिसने शनि का प्रभाव भावेश भाव के तहत ले रखा है। वर्तमान में भी राशि स्वामी मंगल गोचर में नीच का चल रहा है जो लगभग 27 मई तक चलेगा। अभी तो यही कहा जा सकता है कि निकट भविष्य में विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। शनि मंगल के शोध किया गया अनुभव यह बता रहा है वो ठीक नहीं रहेगा। यही कहा जा सकता है कि कुल मिलाकर आपका दाम्पत्य जीवन कष्ट भरा रहेगा।

अब भारत के रिश्ते की बात पर विचार करें तो पाक की नाम राशि कन्या है जो सानिया की चन्द्र लग्न में, षष्ट भाव में आती है जो कि उनका शत्रु भाव है। सानिया की पत्रिका में वर्तमान में शनि षष्ट भाव से गोचर भ्रमण कर रहा है जो परेशानी का कारण बनेगा। वहीं भारत-पाक के रिश्ते की बात तो भारत की स्वतन्त्रता के समय की लग्न कुंडली वृषभ है, इस तरह षष्ट भाव पंचम में आता है।

पंचम भाव संतान, विद्या, मनोरंजन का भाव है वहीं शनि की तृतीय दृष्टि सप्तम भाव साझेदारी पर शत्रु दृष्टि पड़ने से मनोरंजन के मामलों के सिवा कोई अड़चन वाली बात नहीं है, जो खास मायने नहीं रखती। हाँ, जनता का जरूर विरोध सहना पड़ सकता है क्योंकि सानिया की पत्रिका में सूर्य नीच का है व भारत के लग्न में सूर्य का भाव, सिंह राशि चतुर्थ भाव में आती है जो जनता का भाव हैं।

ग्रहों की स्थिति तो यही कहती है कि संकट का दौर जल्द खत्म होते नजर नहीं आ रहा। वैसे देखा जाए तो सानिया की कुंडली कालसर्प दोष से पीड़ित भी है।

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