व्यक्ति यदि अपनी राशि के अनुकूल मंत्र का जाप करे तो लाभकारी होता है। इन मंत्रों का कोई विशेष विधान नहीं है लेकिन सामान्य सहज भाव से स्नान के पश्चात अपने पूजा घर या घर में शुद्ध स्थान का चयन कर प्रतिदिन धूप-दीप के पश्चात ऊन या कुशासन पर बैठें एवं अपनी शक्ति अनुरूप एक, तीन या पाँच माला का जाप करें। विशेषकर उन लोगों के लिए जो माँ की आराधना में अधिक समय नहीं दे सकते और जो लोग कठिन मंत्रों का जाप नहीं कर सकते।
निश्चित ही इसका प्रभाव होगा, जिससे धन, यश और समृद्धि की वृद्धि होगी।