chandrayaan mission: भारत के चंद्रयान मिशन ने अब तक अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक समुदाय के लिए 'बेजोड़ डेटा' प्रदान किया है, जिससे विभिन्न आयामों से चंद्रमा की खोज का मार्ग प्रशस्त हुआ है। प्रख्यात वैज्ञानिक देवीप्रसाद दुआरी ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि इससे भविष्य में चंद्रमा पर मानव के निवास स्थापित करने की संभावना भी पैदा हुई है।
दुआरी ने कहा कि इसरो के 3 चंद्रयान मिशनों ने चंद्रमा पर पानी की बर्फ, अनदेखे खनिजों और तत्वों की उपस्थिति और तापमान परिवर्तन पर अधिक प्रकाश डाला है।
उन्होंने कहा कि सभी चंद्रयान मिशनों ने न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया के लिए बेजोड़ गुणवत्ता वाला डेटा प्रदान किया है। 2019 में चंद्रयान-1 ने चंद्रमा खनिज विज्ञान मैपर (नासा और इसरो के बीच सहयोगी उपकरण) का उपयोग किया और पहली बार ध्रुवीय क्षेत्र के पास 60,000 करोड़ लीटर पानी की बर्फ की उपस्थिति का संकेत दिया।
उन्होंने 'पीटीआई-भाषा' के कोलकाता स्थित कार्यालय में बातचीत के दौरान कहा कि इस जानकारी के आधार पर रॉकेट ईंधन और अन्य क्षेत्रों में इसके अनुप्रयोग की पहचान की गई जिसमें एक सिंथेटिक जीवमंडल बनाना भी शामिल है, जहां मनुष्य रह सकते हैं।
दुआरी ने कहा कि हालांकि चंद्रयान-2 मिशन में लैंडर सॉफ्ट लैंडिंग करने में विफल रहा लेकिन इसने 4 साल तक चंद्रमा की कक्षा में चक्कर लगाया जिससे 'ज्ञान, सूचना, डेटा और तस्वीरों का खजाना मिला।'(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta