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Chandrayaan-3 mission : अंतरिक्ष महाशक्ति बनने की ओर भारत, 14 जुलाई को 2 बजकर 35 मिनट 17 सेकंड, चंद्रयान की सफलता बदल देगी इतिहास

हमें फॉलो करें Chandrayaan-3 mission :  अंतरिक्ष महाशक्ति बनने की ओर भारत, 14 जुलाई को 2 बजकर 35 मिनट 17 सेकंड, चंद्रयान की सफलता बदल देगी इतिहास
, गुरुवार, 13 जुलाई 2023 (18:20 IST)
chandrayaan-3 launch date : भारत एक बार फिर चांद पर इतिहास रचने को तैयार है। भारत के तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-3 के लिए कल 25.5 घंटे की उल्टी गिनती गुरुवार को दोपहर 1 बजकर 05 मिनट से श्रीहरिकोटा के शार रेंज पर शुरू हो गई। अंतरिक्ष में चंद्रयान की सफलता जानिए चंद्रयान से जुड़ी बातें- 
 
मिशन तैयारी समीक्षा के बाद प्रक्षेपण प्राधिकरण बोर्ड ने मंजूरी दे दी। इसके बाद सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र (एसडीएससी केंद्र) में प्रतिष्ठित मिशन की उलटी गिनती शुरू हो गई।
 
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक ट्वीट में कहा कि 'एलवीएम3 एम4/चंद्रयान-3 मिशन: कल भारतीय समयानुसार दोपहर 2 बजकर 35 मिनट 17 सेंकेड पर बजे प्रक्षेपण की उलटी गिनती शुरू हो गई है।'
 
सबसे भारी रॉकेट : इसरो 170 गुना 36500 किलोमीटर आकार की एलिप्टिक पार्किंग कक्षा में एकीकृत चंद्रयान -3 अंतरिक्ष यान मॉड्यूल को लॉन्च करने के लिए अपने सबसे भारी रॉकेट लॉन्च वाहन मार्क -3 (एलवीएम 3-एम 4) का उपयोग करेगा। 642 टन भार के साथ 43.5 मीटर लंबा वाहन वाहक शुक्रवार को दोपहर 2.35 बजे दूसरे लॉन्च पैड से उड़ान भरेगा।
चंद्रयान-3 को उड़ान भरने के लगभग 16 मिनट बाद 179 किलोमीटर की जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (जीटीओ) में स्थापित किया जाएगा, जहां से यह चंद्र सतह पर सुरक्षित लैंडिंग और घूमने के लिए अपनी लंबी यात्रा शुरू करेगा। 3.5 लाख किलोमीटर से ज्यादा की यात्रा के बाद अगस्त के आखिरी हफ्ते में सॉफ्ट लैंडिंग होने की उम्मीद थी।
 
23 या 24 अगस्त को होगी लैंडिंग : चंद्रमा पर सूर्योदय होने पर तिथि (उतरने की तिथि) तय की जाती है। जब हम उतर रहे हों तो सूर्य की रोशनी अवश्य होनी चाहिए। इसलिए लैंडिंग 23 या 24 अगस्त को होगी।
नहीं हुई लैंडिंग तो : इसरो के मुताबिक यदि 23 या 24 अगस्त को योजना के अनुसार चंद्रयान की लैंडिंग नहीं होती है, तो इसरो सितंबर में लैंडिंग का प्रयास करने के लिए एक और महीने तक इंतजार करेगा। 
 
14 दिनों तक बैटरी करेंगे चार्ज : लैंडर और रोवर सूर्य की रोशनी आने तक 14 दिनों तक चंद्रमा पर रहेंगे। जब सूर्य का प्रकाश नहीं होगा, तो रोवर पर लगा एक छोटा सौर पैनल बिजली उत्पन्न करेगा रोशनी आने तक अगले 14 दिनों के लिए बैटरी को चार्ज करेंगे।  Edited By : Sudhir Sharma

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