चेन्नई: चेन्नई के महाबलीपुरम में 29 जुलाई से शुरू हो रहे शतरंज ओलंपियाड में कुल 30 भारतीय खिलाड़ियों सहित रिकॉर्ड छह टीमों (तीन ओपन और तीन महिलाएं) हिस्सा लेंगी।
तीन भारतीय ओपन टीमें क्रमश: दूसरी, 11वीं और 17वीं वरीयता प्राप्त हैं। दूसरी वरीयता प्राप्त इंडिया-1 ओपन टीम में विदित गुजराती, पी. हरिकृष्णा, अर्जुन एरिगैसी, एस.एल. नारायण और शशिकरन कृष्णन को चुना गया है।
इंडिया-2 ओपन टीम के सदस्य निहाल सरीन, डी.गुकेश, बी. अधिबान, आर.प्रगनानंद और रौनक साधवानी हैं, जबकि इंडिया-3 ओपन टीम में सूर्य शेखर गांगुली, एसपी सेथुरमन, अभिजीत गुप्ता, कार्तिकेयन मुरली और अभिमन्यु पुराणिक को शामिल किया गया है। संयोग से ओपन टीम के सभी 15 खिलाड़ी ग्रैंडमास्टर हैं।
महिला वर्ग में भारत-1 की टीम टॉप सीड है जबकि भारत-2 और भारत-3 की टीम क्रमश: 11वीं और 16वीं वरीयता प्राप्त है।भारत-1 महिला टीम में कोनेरू हम्पी, डी. हरिका, आर. वैशाली, तानिया सचदेव और भक्ति कुलकर्णी शामिल हैं।
भारत-2 महिला टीम में वंतिका अग्रवाल, सौम्या स्वामीनाथन, मैरी एन गोम्स, पद्मिनी राउत और दिव्या देशमुख हैं। भारत-3 की महिला टीम के लिये ईशा करावड़े, साहिती वार्शिनी, प्रत्युषा बोड्डा, नंदीधा पीवी और विश्व वासनावाला को चुना गया है।
भारत चेन्नई के मामल्लापुरम में शतरंज ओलंपियाड के 44वें संस्करण की मेजबानी पहली बार कर रहा है। ओपन वर्ग में 188 टीमों और महिला वर्ग में 162 टीमों के साथ 187 देश इस आयोजन में हिस्सा ले रहे हैं, जो ओलंपियाड में अब तक की सबसे अधिक भागीदारी होगी।
नॉर्वे के ट्रोम्सो में आयोजित 2014 शतरंज ओलंपियाड में भारत ने ओपन वर्ग में कांस्य पदक जीता था। भारत ने वर्चुअल ओलंपियाड 2020 में संयुक्त स्वर्ण पदक हासिल किया था, जबकि 2021 वर्चुअल ओलंपियाड में भारत को कांस्य पदक के साथ संतोष करना पड़ा था।
भारतीय टीमें इस प्रकार हैं:
ओपन:
ए: विदित एस गुजराती, पी हरिकृष्णा, अर्जुन एरिगैसी, एस एल नारायणन, के शशिकिरन।
बी: निहाल सरीन, डी गुकेश, आर प्रज्ञाननंदा, बी अधिबान, रौनक साधवानी।
सी: सूर्य शेखर गांगुली, एसपी सेथुरमन, अभिजीत गुप्ता, कार्तिकेयन मुरली, अभिमन्यु पुराणिक।
महिला:
ए: कोनेरू हम्पी, डी हरिका, आर वैशाली, तानिया सचदेव, भक्ति कुलकर्णी।
बी: वंतिका अग्रवाल, सौम्या स्वामीनाथन, मैरी एन गोम्स, पद्मिनी राउत, दिव्या देशमुख।
सी: ईशा करवड़े, साहिती वार्शिनी, प्रत्युषा बोड्डा, पी वी नंदिधा, विश्व वासनावा।