खरसिया (छत्तीसगढ़)। केंद्र की सत्ता का सेमीफाइनल माने जा रहे विधानसभा चुनाव के प्रचार के अंतिम दिन इस तहसील मुख्यालय में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी की एक झलक पाने भीड़ उमड़ पड़ी। इससे पार्टी के रणनीतिकारों की बाँछें खिल उठीं। सोनिया गाँधी अब तक किसी भी राज्य में प्रचार करने नहीं गई हैं। उन्होंने शुरुआत छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के गढ़ से की, जहाँ नंदकुमार पटेल पाँचवीं बार जीत की हसरत लिए मैदान में हैं। प्रदेश में चुनाव के दौरान उनकी यह पहली और अंतिम सभा थी। उनकी जगह राहुल गाँधी ने कुल नौ सभाओं को संबोधित किया।
गाँधी कॉलेज मैदान में कांग्रेस अध्यक्ष ने करीब पंद्रह मिनट भाषण दिया और पूरे समय उनके निशाने पर भाजपा सरकार थी। सोनिया गाँधी ने कहा कि पृथक राज्य का सपना देखते वक्त जो तस्वीर बनी थी, वह टूट चुकी है। विकास और खुशहाली कहाँ है? पाँच साल में प्रदेश का माहौल बिगड़ा है। नक्सली हिंसा के चलते प्रदेश में निर्दोष लोग मारे गए हैं। कांग्रेस इसे कभी बर्दाश्त नहीं करेगी। पार्टी को इन सबकी चिंता है। उन्होंने कहा कि खूबसूरत छत्तीसगढ़ दूसरे प्रदेशों की तुलना में पिछड़ रहा है।
यह तब हो रहा है, जब केंद्र सरकार राज्य को भरपूर मदद दे रही है। आज तक किसी भी केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ को इतनी मदद नहीं दी है। एनडीए शासनकाल में तो कांग्रेसी राज्यों को भिखारी की तरह मदद माँगनी पड़ती थी। इसके बाद भी केंद्र सरकार मदद नहीं देती थी। यूपीए की सरकार ने छत्तीसगढ़ को आठ हजार करोड़ रुपए दिए हैं। अब भाजपा से पूछा जाना चाहिए कि वह पैसा कहाँ है? कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि विकास के मामले में हम राजनीतिक आधार पर भेदभाव नहीं करते। यह दो पार्टियों का नहीं बल्कि दो विचारधाराओं का चुनाव है।
जोगी से मंत्रणा : मंच पर पहुँचने के बाद सोनिया गाँधी देर तक अजित जोगी से बात करती रहीं। सूत्रों के मुताबिक उन्होंने प्रदेश के ताजा चुनावी हालात की जानकारी ली। इससे पूर्व तमाम वरिष्ठ नेता भोजन के बहाने पार्टी नेता मुरली अग्रवाल के निवास पर जुटे। इनमें मोतीलाल वोरा, अजित जोगी के अलावा पार्टी के प्रदेश प्रभारी महासचिव नारायण सामी तथा और भी कई प्रमुख नेता मौजूद थे। (नईदुनिया)