रायपुर। दक्षिण बस्तर की तीन सीटों पर चुनाव में सलवा जुडूम का मुद्दा छाए रहेगा। भाजपा भी इस अभियान से उपजे जज्बे को भुनाने में पीछे नहीं है। उसने यहाँ की दो सीटों पर ऐसे उम्मीदवार को टिकट दिया है, जो सीधे सलवा जुडूम अभियान से जुड़े रहे हैं। वहीं दंतेवाड़ा से जुडूम के पक्षधर महेंद्र कर्मा और इसके विरोधी मनीष कुंजाम मैदान में हैं।
भाजपा ने दक्षिण बस्तर की तीनों सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। इसमें से दो सीटों पर सलवा जुडूम नेताओं को उतारा गया है। कोंटा से सलवा जुडूम लीडर पदम नंदा को टिकट दिया गया है। हालाँकि कि वे पहले से भाजपा से जुड़े रहे हैं, लेकिन सलवा जुडूम अभियान में उन्होंने सक्रिय भूमिका निभाई। नंदा ओलमपल्ली के रहने वाले हैं। वे जनपद पंचायत के उपाध्यक्ष हैं। इसी तरह बीजापुर सीट से महेश गागड़ा को प्रत्याशी बनाया गया है। वे जिला पंचायत सदस्य हैं।
उन्होंने भी सलवा जुडूम में सक्रियता दिखाई थी। दंतेवाड़ा से कांग्रेस के दिग्गज महेंद्र कर्मा मैदान पर हैं। वे यहाँ से तीन बार विधायक रह चुके हैं। सीपीआई ने उनका मुकाबला करने आदिवासी महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनीष कुंजाम को उतारा है। कुंजाम भी कोंटा सीट से दो बार विधायक रह चुके हैं। भाजपा ने दंतेवाड़ा से भीमाराव मंडावी को मैदान में उतारा है। हालाँकि पिछले चुनाव में भाजपा का प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा, लेकिन इस बार पार्टी इस सीट पर जोर लगा रही है।
दक्षिण बस्तर की तीनों सीटों पर सलवा जुडूम का मुद्दा हावी रहने के आसार हैं। इनमें से कोंटा और बीजापुर में सलवा जुडूम अभियान चला है। दोनों क्षेत्र में लगभग 23 राहत शिविर हैं। इनमें 25 हजार आदिवासी हैं। सीपीआई सलवा जुडूम बंद करने के मुद्दे को लेकर मैदान में है। वहीं भाजपा इस अभियान के जरिए नक्सलियों से आदिवासियों को सुरक्षित करने का दावा कर रही है। कांग्रेस इस मुद्दे पर मौन है। खासकर कोंटा विधायक कवासी लखमा और राजेंद्र पामभोई, जुडूम से बराबर दूरी बनाए हुए हैं। इन सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशी की घोषणा होने के बाद माहौल और गरमाएगा। (नईदुनिया)