अमित, रेणु जोगी को जीत का भरोसा
मरवाही/कोटा (छत्तीसगढ़) , मंगलवार, 12 नवंबर 2013 (16:21 IST)
मरवाही/कोटा (छत्तीसगढ़)। छत्तीसगढ़ की मरवाही और कोटा विधानसभा सीटों पर भाजपा सरकार के कार्यकाल में कोई विकास न होने और सौतेला व्यवहार किए जाने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस प्रत्याशी अमित जोगी और रेणु जोगी विश्वास जताते हैं कि इन सीटों पर इस बार कांग्रेस ही जीतेगी।राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की परंपरागत सीट मरवाही से उनके पुत्र अमित और कोटा सीट से पत्नी डॉ. रेणु जोगी कांग्रेस की प्रत्याशी हैं। अमित और जोगी न सिर्फ मरवाही और कोटा में बल्कि पूरे प्रदेश में कांग्रेस की 10 साल के वनवास से वापसी के लिए धुआंधार प्रचार कर रहे हैं।मरवाही अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीट है। रेणु कोटा सीट से विधायक हैं और दूसरे कार्यकाल के लिए प्रयासरत हैं। अजीत जोगी इस बार चुनाव नहीं लड़ रहे हैं।जब पृथक छत्तीसगढ़ अस्तित्व में आया था तो नए राज्य का पहला मुख्यमंत्री अजीत जोगी को बनाया गया था। इसके ठीक एक साल बाद, वर्ष 2003 में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा की सरकार बनी और अगले चुनावों में भी कांग्रेस सत्ता पर नहीं आ पाई।मरवाही में मतदाताओं को लुभाने के लिए सघन जनसंपर्क करने वाले अमित जोगी को इस बार राज्य में कांग्रेस की वापसी का पूरा भरोसा है। उन्होंने बिलासपुर से करीब 140 किमी दूर पेन्ड्रा में प्रचार से अलग कहा, हमें मरवाही सीट तथा राज्य की और सीटें जीतने का पूरा भरोसा है। उन्होंने ने कहा, मुझे विश्वास है कि इस बार कांग्रेस की ही सरकार राज्य में बनेगी। अमित आरोप लगाते हैं कि प्रदेश की रमन सिंह सरकार केंद्र सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का श्रेय स्वयं लेकर जनता के साथ छल कर रही है।उन्होंने कहा, रमन सिंह सरकार ने यहां (मरवाही) की जनता के लिए कुछ नहीं किया। न किसानों को मुफ्त बिजली का वादा पूरा किया गया और न ही विकास कार्य हुए। अमित की योजना दूसरी सीटों पर भी प्रचार करने की है। मरवाही में सिर्फ 3 दिन प्रचार करूंगा और फिर दूसरी जगह जाऊंगा। मेरे पिता राज्य की 32 सीटों पर और मैं 40 सीटों पर प्रचार करेंगे। अजीत जोगी की पत्नी रेणु भी कोटा सीट पर कांग्रेस के प्रचार में जुटी हैं। इस सीट से दूसरी बार किस्मत आजमा रहीं रेणु का आरोप है, भाजपा ने इस विधानसभा सीट के साथ सौतेला व्यवहार किया है। सड़कों की हालत खराब है, क्योंकि ज्यादातर सड़कें दस साल पहले कांग्रेस के शासनकाल में बनी हैं (जब अजीत जोगी मुख्यमंत्री थे)। (भाषा)