Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

जिंदा है चाचा नेहरू की यादें

जब नेहरूजी आए थे नंदानगर...

हमें फॉलो करें जिंदा है चाचा नेहरू की यादें
ND
मिलनसार व्यक्तित्व और दूरदृष्टि के धनी पंडित जवाहरलाल नेहरू का आम लोगों से गहरा जुड़ाव था। उनकी विशेषताओं और व्यवहार की छाप भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन एवं राजनीति में ही नहीं बल्कि आम लोगों में उनकी लोकप्रियता पर भी देखी जा सकती है।

चाचा नेहरू के पारदर्शी व्यवहार का नमूना इंदौर के लोगों को भी देखने को मिला था जब वे 3 नवंबर 1958 को कांग्रेस अधिवेशन में शामिल होने यहाँ आए थे। इंदौर आगमन पर वे मिल मजदूर संघ के अध्यक्ष रामसिंहभाई वर्मा के आग्रह पर नवनिर्मित नंदानगर का मुआयना करने पधारे थे। मुआयने के दौरान वे लोगों से बात किए बगैर कैसे रह सकते थे, अतः इस दौरान वे कुछ घरों में भी गए और जानकारी हासिल की। उनके साथ राज्यपाल श्री पारसकर, मुख्यमंत्री श्री कैलाशनाथ काटजू और श्रम मंत्री वीवी द्रविड़ भी थे। उस समय नेहरू जी से हुई लोगों की बातचीत के कुछ अंश।

मुझे कहा बड़ा प्यारा बच्चा है
webdunia
ND
नेहरूजी का बच्चों के प्रति प्रेम और मिलनसारिता का नमूना केवल 12 मिनट में ही देखने को मिला। इंदौर आगमन पर नेहरूजी स्व. रामचंद्र जोशी के घर (मकान नं. 371, रोड न.7 नंदानगर) आए थे। श्री जोशी के पुत्र राजेन्द्र जोशी बताते हैं कि उस समय मेरी उम्र 10 वर्ष थी। घर में आते ही नेहरूजी ने मुझे उठाया और कहा बड़ा प्यारा बच्चा है।

घर के बगीचे की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि इसमें ऐसी चीजें लगाएँ जो आसानी से दैनिक उपभोग में लाई जा सके। श्रीमती कांता जोशी ने बताया कि नेहरू जी ने नई कॉलोनी के बारे में जानकारी ली। उस समय उनके पति की खुशी का ठिकाना नहीं रहा और उनके मुँह से बोल नहीं फूटे। उनके आगमन की तैयारी के चलते करीब 10 दिन पहले से श्री जोशी के घर में मेहमानों के आने पर रोक लगा दी गई थी।

बगैर शर्म के जताया अपनापन
webdunia
ND
नेहरूजी में किसी भी काम के लिए हिचक नहीं थी। वे हर काम काफी सकारात्मकता और उत्साह के साथ करने में विश्वास रखते थे। 60 वर्षीय श्रीमती रामप्यारीबाई मैंदोला ने बताया कि जब नेहरूजी उनके घर आए थे, तब मेरी उम्र केवल 15 वर्ष थी। उन्होंने पूछा कि क्या पका रही हो बेटी, बड़ी खुशबु आ रही है।

जब नेहरूजी को बताया गया कि आलू-टमाटर की सब्जी बनाई गई है तो उन्होंने बगैर किसी शर्म और झिझक के चखने की इच्छा जाहिर की। इस पर श्रीमती मैंदोला ने थाली सजाकर दी और सभी अतिथियों ने खाना चखा। उनका अपनापन देखकर श्रीमती मैंदोला को आश्चर्य हुआ। खाना चखने के बाद नेहरू ने खाने की तारीफ की और पौष्टिक खाना बनाने पर जोर दिया। इतने बड़े व्यक्ति का इतना सरल होना ताज्जुब की बात है।

भावी समस्याओं से किया आगाह
webdunia
ND
नेहरूजी आने वाली समस्याओं के बारे में आसानी से जान लेते थे। उनकी दूरदृष्टि का उदाहरण देते हुए 80 वर्षीय श्रीमती राधाबाई कश्यप ने बताया कि जब नेहरूजी उनके घर आए तो उन्होंने घर की सफाई की तारीफ की। साथ ही घर के सदस्यों के बारे में भी पूछा। उन्होंने कहा कि हमारे देश में तभी खुशहाली होगी जब जनसंख्या नियंत्रित होंगी। जनसंख्या को नियंत्रित रखना बेहद जरूरी है। इसलिए जीवन में हमेशा 'हम दो, हमारे दो' को ध्यान में रखना।

उन्होंने यह भी कहा कि कॉलोनी और घर की हर समस्या को आसानी से हल किया जा सकता है, लेकिन जनसंख्या बढ़ने के कारण हमारे देश में जो समस्याएँ पैदा होंगी वे काफी विकराल रूप धारण कर लेंगी। ऐसे में उन्हें हल करना काफी मुश्किल होगा।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi