Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
Friday, 18 April 2025
webdunia

अचंभि‍त करते हैं बच्‍चे

Advertiesment
हमें फॉलो करें बाल दिवस
- अरुंधतआमड़ेक

ND
ND
दुनि‍या के सात अजूबे कोई भी हों लेकि‍न आठवाँ अजूबा हमेशा बच्‍चे ही रहेंगे, ऐसा मुझे लगता है। देखा जाए तो बच्‍चे ईश्वर की सबसे अद्भुत कृति‍ हैं। वि‍श्व में अगर सबसे ज्‍यादा संज्ञाएँ कि‍सी को दी जा सकती हैं तो वे बच्‍चे हैं दूसरा कोई नहीं। नि‍डरता, सच्‍चाई, मासूमि‍यत, तत्परता, स्‍फूर्ती, तुरंत नि‍र्णय लेने की क्षमता और न जाने क्‍या-क्‍या। दि‍न भर में कि‍तने ही काम जि‍नके लि‍ए हम पता नहीं कि‍तनी बार और कि‍तनी देर तक वि‍चार करते रहते हैं लेकि‍न बच्‍चे अपने हर काम को तुरत फुरत कर डालते हैं।

जवाबों के सवाल देते बच्‍चे

दुनि‍या में सबसे मुश्कि‍ल अगर कोई काम है तो वो है बच्‍चों के सवालों का जवाब देना क्‍योंकि‍ इस काम में आपको पता नहीं चलता कि‍ आप खुद कब एक सवाल बन जाते हैं। एक दि‍न मैं अपने भांजे को गार्डन में घुमाने ले गई वहाँ दो मि‍ट्टी के हाथी बने हुए थे। भांजे ने पूछा कि‍ यहाँ हाथी क्‍यों बनाए गए हैं? मैंने कहा इससे बगीचा सुंदर दि‍खता है ना इसलि‍ए, अगला सवाल तैयार था ये हाथी एक ही जगह क्‍यों खड़े हैं? मैने कहा मि‍ट्टी के हैं ना इसलि‍ए असली नहीं हैं। उसने फि‍र पूछा मि‍ट्टी के क्‍यों बनाए? मैं परेशान हो गई थी तो कह दि‍या ऐसे ही बना दि‍ए। उसने फि‍र पूछा ऐसे ही क्‍यों? और जैसा कि‍ हमेशा होता है मैं फि‍र हार गई। हम सवालों के जवाब देते हैं और बच्‍चे जवाबों के सवाल देते हैं। हमारे जवाब खत्‍म हो जाते हैं लेकि‍न बच्‍चों के सवाल कभी नहीं।

क्‍योंकि‍ उन्‍हें पता नहीं है

ये पता न होना बच्‍चा होने का सबसे बड़ा सबूत है जो वो बि‍ना माँगे ही अक्‍सर दे दि‍या करते हैं। बच्‍चे नि‍डर होते हैं क्‍योंकि‍ उन्‍हें नहीं पता कि‍ डर क्‍या चीज है, वो जिंदगी को उसके सबसे खुबसूरत अंदाज में जीते हैं क्‍योंकि‍ उन्‍हें नहीं पता कि‍ जिंदगी क्‍या होती है। बच्‍चे साहसी होते हैं तभी तो जब हम कि‍सी बच्‍चे को ऊपर की ओर उछालते हैं तो वे हँसता है। वो ऊँचाई का आनंद लेता है न कि‍ नीचे गि‍रने की चिंता। हमें सब पता है फि‍र भी हम डरते हैं और बच्‍चों को कुछ नहीं पता फि‍र भी वे नहीं डरते। है ना बड़ी अजीब बात। कभी कि‍सी बच्‍चे को अकेले सड़क पार करने दीजि‍ए आपको पता चल जाएगा।

webdunia
ND
ND
बच्‍चे को क्‍या समझता है

अक्‍सर बच्‍चों के बारे में एक बात कही जाती है 'अरे वो तो बच्‍चा है, उसका क्‍या समझता है।' बड़ों के लि‍ए अज्ञानता जहाँ सबसे बड़ा अवगुण माना जाता है लेकि‍न बच्‍चों के लि‍ए वो सबसे बड़ा गुण है।

परि‍णाम की चिंता नहीं

एक और बात मुझे बच्‍चों में सामान्‍य रूप से नजर आती है। वो ये कि‍ बच्‍चे हर काम परि‍णाम की चिंता कि‍ए बगैर करते चले जाते हैं। याद कीजि‍ए बड़े होने पर जिंदगी की परेशानि‍यों से लड़ते, संघर्ष करते समय कि‍तने ही आपके जैसे बड़े-बड़ो ने आपको परि‍णाम की चिंता न करने की हि‍दायत दे डाली होगी। लेकि‍न बच्‍चों में ये प्रति‍भा स्‍वयंभू होती है जो बड़े होने के चक्‍कर में नष्ट होती रहती है।

रोजी मि‍स का कुत्ता

आजकल टीवी पर एक वि‍ज्ञापन बड़ा पसंद कि‍या जा रहा है। वि‍ज्ञापन तो सर्फ एक्‍सेल का है लेकि‍न एड में एक बच्‍चे की मासूमि‍यत और उसकी नि‍र्मलता को जि‍स तरह से पेश कि‍या गया है वो लाजवाब है। अपनी टीचर को हँसाने के लि‍ए एक बच्‍चा ही कुत्ते की एक्‍टिंग कर सकता है दूसरा कोई नहीं। बड़े लोग तो रोजी मि‍स को साँत्‍वना देते रहे होंगे या समझाते रहे होंगे। लेकि‍न एक बच्‍चे ने वो कर दि‍खाया जि‍सकी कल्‍पना भी बड़े नहीं कर सकते। रोजी मि‍स को हँसाया वो भी पूरी मस्‍ती से। खुद भी आनंद उठाया और रोजी मि‍स भी खुश हो गईं। बच्‍चे ने आगे पीछे का कुछ नहीं सोचा कि‍ उसके कपड़े गंदे हो रहे हैं या उसे चोट लग रही है। बस एक लगन थी जि‍समें वो सब कि‍ए जा रहा था। उसे तो ये भी नहीं पता कि‍ बाद में हम बड़े ही कह देंगे कि‍ 'कुछ दाग अच्‍छे होते हैं।'

बच्‍चे अपने ऐसे ही कई अंदाजों से हमेशा बड़ों को अचंभि‍त कि‍ए रहते हैं।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi